उत्तराखंड के मैदानी जिलों में गर्मी का जारी सितम, इस तरह करें बचाव

उत्तराखंड मौसम पूर्वानुमान में फिलहाल बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं है। ऐसे में अब मैदानी जिलों में गर्मी और सताएगी। हल्द्वानी में तपती गर्मी ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। गुरुवार को हल्द्वानी शहर में रिकॉर्ड 40.6 डिग्री तापमान किया गया, जिसने बीते बुधवार का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।

वहीं अगले दो-तीन दिन तक मौसम विशेषज्ञों ने झुलसाती गर्मी में बढ़ोतरी होने के साथ ही लू चलने की भी संभावना जतायी है। मई महीने के शुरुआती दिनों में ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। बीते 5 मई को हल्द्वानी का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

हालांकि इसके बाद मौसम में बदलाव होने से तापमान में गिरावट आई थी। मई में 11 मई को सबसे कम 31 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा था। मगर इसके बाद से लगातार तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह ने बताया कि गुरुवार को हल्द्वानी का अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।

यह अभी तक का सबसे अधिक तापमान है। इससे पहले बीते बुधवार को 40.5 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया था, साल 2017 के बराबर था। वहीं गुरुवार को शहर का न्यूनतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस रहा। बताया कि इस समय दक्षिण पश्चिमी हवा चल रही है, जिससे गर्मी में भी बढ़ोतरी हो रही है।

अगले पांच दिन तक लगातार मौसम शुष्क बना रहेगा और तापमान में भी 2 से 3 डिग्री तक बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। पारा चढ़ने के साथ ही अब लोगों का पसीना भी निकलेगा। बिजली कटौती में मुश्किलें और बढ़ सकतीं हैं। 

हल्द्वानी मई 2024 में गर्म दिन

4 मई 39.5
5 मई 40
6 मई 39
13 मई 38
14 मई 39.5
15 मई 40.5
16 मई 40.6

लू के लक्षण

सिर दर्द शुरू हो जाता है। कई लोग गर्मी की वजह से बेहोश हो जाते हैं, जिसे हीट सिंकोप कहा जाता है।
उल्टी, चक्कर आना, बुखार व पसीना अधिक आना
लगातार या अधिक देर तक लू में रहने पर शरीर से पसीना आना बिल्कुल बंद हो जाता है।

दोपहर 12 से 3 बजे तक धूप में कम निकलें

एसटीएच के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. विवेकानंद सत्यवली ने बताया कि लू लगने का सबसे अधिक खतरा बच्चों व बजुर्गों को होता है। क्योंकि उनके शरीर का तापमान नियंत्रित करने का सिस्टम कमजोर होता है। जो लोग धूप में अधिक देर तक काम करते हैं, उन्हें भी लू लगने की आशंका रहती है।

लू से बचने के लिए उपाय

दोपहर 12 से 3 बजे के बीच धूप में बाहर निकलने से बचें।
ओआरएस का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी आदि का सेवन करें।
धूप में निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। कपड़ा, टोपी या छतरी का प्रयोग करें।
दही, खीरा, खुमानी, तरबूज, अंगूर जैसे फलों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

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