पाकिस्तान: चुनाव में धांधली को लेकर विपक्षी महागठबंधन का ऐलान, पढ़ें पूरी खबर…

सरकार के विरोध में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) एक बड़ा अभियान छेड़ने वाली है। आठ फरवरी के चुनाव में कथित धांधली और जनादेश से छेड़छाड़ कर सरकार बनाने के खिलाफ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने विपक्षी दलों के महागठबंधन के साथ मिलकर आज देशव्यापी आंदोलन का एलान किया। 

महागठबंधन, जिसमें छह राजनीतिक दल शामिल हैं, की बैठक शुक्रवार देर रात शुरू हुई, जो शनिवार तक चली। इस दौरान तहरीक तहफुल्ला अईन-ए-पाकिस्तान (टीटीएपी) ने पाकिस्तान के संविधान की रक्षा के लिए एक आंदोलन में साथ देने का फैसला किया। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्षी गठबंधन के आंदोलन शुरू करने से संकेत मिलता है कि चुनाव के बाद शांति और राजनीतिक स्थिरता का सपना अधूरा ही रह जाएगा। 

गठबंधन में यह पार्टियां

बता दें, पीटीआई ने उन पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, जिन्होंने आठ फरवरी के चुनाव के नतीजों पर आपत्ति जताई थी। विरोध करने वाली पार्टियां बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएएनपी), पश्तूनख्वा मिल्ली आवामी पार्टी (पीएकेएमपी), जमात-ए-इस्लामी (जी), मुत्ताहिदा वहदत-उल-मुस्लिमीन (एमओएम) आदि हैं।

कई घंटों तक बैठक चली

बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (बीएनपी-एम) के प्रमुख सरदार अख्तर मेंगल की अध्यक्षता में कई घंटों तक बैठक चली। इस दौरान फैसला लिया गया कि पश्तूनख्वा मिल्ली आवामी पार्टी (पीएकेएमपी) के प्रमुख महमूद खान अचकजई गठबंधन का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा, बैठक में सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के अध्यक्ष साहिबजादा हामीद रजा खान, मजलिस वहादत मुस्लिमीन के प्रमुख राजा नसीर अब्बास और जमात ए इस्लामी के नेता लिकायत बलूच भी शामिल हुए।  

यह आंदोलन करने का उद्देश्य

पीटीआई महासचिव उमर अयूब खान ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि आंदोलन करने का उद्देश्य देश में कानून का शासन बहाल करना है और इसे शनिवार से बलूचिस्तान के पिशिन इलाके से एक सार्वजनिक रैली के साथ शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘सभी क्षेत्रों में बिगड़ते हालात के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी इच्छा से विपक्षी गठबंधन में शामिल हुए हैं।’

उमर ने कहा कि आंदोलन आठ फरवरी के चुनाव में कथित धांधली और जनादेश से छेड़छाड़ कर सरकार बनाने के खिलाफ शुरू किया जा रहा है। बता दें, महागठबंधन चुनावी नतीजों को मानने से इनकार कर चुके हैं। अचकजई ने कहा कि गठबंधन सेना के खिलाफ नहीं है, लेकिन वे संविधान में दी गई उसकी राजनीतिक भूमिका के खिलाफ हैं।

शनिवार से जनसभाएं शुरू

अचकजई ने कहा, ‘संविधान एक सामाजिक अनुबंध है और हम इसके बचाव के लिए शनिवार से जनसभाएं शुरू करेंगे। उन्होंने किसी भी नागरिक और सैन्य अधिकारियों की सेवा में विस्तार करने का भी विरोध किया है।

नए विपक्षी गठबंधन से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार को तुरंत कोई खतरा नहीं हो सकता है। हालांकि, जब देश को कई आर्थिक और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए शांति की जरूरत है, उस समय इस गठबंधन का सड़कों पर उतरना सरकार को अस्थिर कर सकता है।  

घरेलू विद्रोह से जूझ रहा बलूच

विपक्षी गठबंधन ने आंदोलन की शुरुआत बलूचिस्तान से करने का फैसला लिया है, जो फिलहाल बलूच राष्ट्रवादियों के नेतृत्व वाले घरेलू विद्रोह से जूझ रहा है। इस प्रांत को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हाथों भी नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि यह अफगानिस्तान के साथ एक सीमा साझा करता है।

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे अविकसित क्षेत्र भी है और विपक्षी दल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए लोगों की भावनाओं का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं।

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