देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर बोला हमला, कहा- मुंबई के लोगों ने कई मौके दिए लेकिन…

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे पर उन्हें एक फेल मुख्यमंत्री बताया है। उन्होंने कहा है कि एकनाथ शिंदे की सरकार मुंबई में उन चीजों को ठीक करने के लिए मजबूर है जिन्हें वर्षों पहले ठीक किया जाना चाहिए था। फडणवीस ने कहा, “उद्धव ठाकरे को मुंबई के लोगों ने कई मौके दिए लेकिन उन्होंने उनके लिए कुछ नहीं किया। शहर में उनके द्वारा एक भी प्रतिष्ठित काम नहीं किया गया या बनाया नहीं गया।”

एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में फडणवीस ने उद्धव ठाकरे के मोदी विरोधी रुख के लिए उनकी आलोचना की और लोकसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी के साथ गठबंधन की किसी भी संभावना से इनकार किया। उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के गठबंधन की कोई गुंजाइश नहीं है। अगर वह कोई प्रयास कर रहे हैं, तो मुझे इसकी जानकारी नहीं है। हमारी ओर से उनके लिए कोई गुंजाइश नहीं है। मुझे इस बात का दुख है कि वह अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए अब छद्म धर्मनिरपेक्ष और तुष्टिकरण की राजनीति में लिप्त हैं।”

बाल ठाकरे का बेटा कैसे कर सकता है सीएए का विरोध

देवेंद्र फडणवीस ने हिंदूवादी दिवंगत नेता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को याद करते हुए उनके बेटे उद्धव पर जोरदार हमला बोला है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने कहा, “उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध किया है। मुझे यह समझना मुश्किल हो रहा है कि बाल ठाकरे का बेटा ऐसा कर सकता है।”

फडणवीस ने सीट बंटवारे, महाराष्ट्र और मुंबई में बुनियादी ढांचे के विकास, संभावित नए सहयोगियों और पिछली सरकार की कमियों के बारे में खुलकर बात की है। शिवसेना और एनसीपी में विद्रोह के बाद महाराष्ट्र की राजनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “आज महाराष्ट्र में दो ही खेमा है। एक पीएम मोदी के साथ है और दूसरा उनके खिलाफ है। लोगों ने उन लोगों को वोट देने का फैसला किया है जो पार्टी या प्रतीक की परवाह किए बिना पीएम के साथ हैं।”

फडणवीस ने गठबंधन के बारे में कहा कि भाजपा हमेशा अपने सहयोगियों के साथ काम करती है और उन्हें साथ लेकर चलती है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनावों में भाजपा के पास अधिक सीटें और विधानसभा चुनावों में सहयोगियों को बड़ी हिस्सेदारी देने का कोई फॉर्मूला नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे पास विधानसभा में 115 सीटें हैं। एकनाथ शिंदे के पास 50 और एनसीपी के पास 42 या 43 सीटें हैं। हम अभी भी गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी हैं। हमारे सहयोगी भी इसे समझते हैं। लेकिन मैं निश्चित रूप से यह कह सकता हूं कि उनका सम्मान किया जाएगा। हम विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे।”

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