पेट दर्द से परेशान थी 12वीं की स्टूडेंट, जांच में मिली गर्भवती, अस्पताल में बच्चे को दिया जन्म

छत्तीसगढ़ के दक्षिण बस्तर के बीजापुर जिले के गंगालूर में संचालित आवासीय विद्यालय पोर्टा केबिन में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने बच्चे को जन्म दिया है। इस खबर के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है। दरअसल बीजापुर जिले में ऐसे ही एक पोर्टा केबिन में आगजनी का मामला अभी एक सप्ताह पहले ही आया था जिसमें चार साल की बच्ची की जलने से मौत हो गई थी। इस बार आवासीय विद्यालय में बच्ची के द्वारा बच्चे को जन्म देने का गंभीर मामला सामने आया है।

मामले की जानकारी लगते ही जिला शिक्षा अधिकारी बी.आर. बघेल गंगालूर के लिए रवाना हो गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी बी.आर. बघेल ने लाइव हिंदुस्तान से बात करते हुए कहा है की वे गंगालूर के लिए निकले हैं। मौके पर पहुंच कर अधिक जानकारी देंगे। गौर करने वाली बात यह है की आवासीय विद्यालय में रह कर पढ़ाई कर रही बच्ची के गर्भवती होने की जानकारी विद्यालय के किसी भी कर्मचारी को नहीं लग पाई। इस मामले की जानकारी तब सामने आई जब विद्यालय के बच्चों ने 12वीं की छात्रा के पेट में दर्द होने की जानकारी स्टाफ को दी।

जब छात्रा को अस्पताल ले जाया गया तब पता चला की वह गर्भवती है। इसके कुछ समय बाद ही छात्रा का प्रसव कराया गया, जिसमें उसने एक बच्चे को जन्म दिया है। गंगालूर स्थित आवासीय विद्यालय की छात्रा के गर्भवती होने का मामला सामने आने के बाद अब जिले भर में संचालित आवासीय विद्यालयों की व्यवस्थाओं पर सवाल उठने लगे हैं। वहीं जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले पर जवाब देने से भी बचते नजर आ रहे हैं।

गंगलूर के मामले पर बीजापुर कलेक्टर से भी संपर्क करने का प्रयास किया गया पर वे मिटिंग का हवाला देकर बात करने से बचते नजर आए। जबकी जिला शिक्षा अधिकारी पूरे मामले की जानकारी जुटाने पोर्टा केबिन के लिए निकल गए हैं। वहीं छात्रा और नवजात अस्पताल में डॉक्टरों की देखरेख में हैं। छात्रा द्वारा नवजात शिशु को जन्म देने के मामले में छात्रावास अधीक्षिका अंशु मिंज को निलंबित कर दिया गया है। कार्य में लापरवाही बरतने के कारण बीजापुर कलेक्टर ने उन्हें निलंबित किया है।

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