हल्द्वानी हिंसा: अब्दुल मलिक के बाद रडार पर आए पांच नेता, फोन बंद करके हुए अंडरग्राउंड

हल्द्वानी हिंसा में राजनीतिक दखल भी हो सकता है। शुरुआती जांच में पुलिस के सामने ऐसे कुछ तथ्य उजागर हुए हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े शहर के पांच राजनेता पुलिस की रडार में आ गए हैं। राजनेताओं के खिलाफ एसएसपी ने जांच भी शुरू कर दी है।

वनभूलपुरा क्षेत्र में बीते आठ फरवरी को हुई हिंसा केवल अतिक्रमण ध्वस्तीकरण के विरोधस्वरूप ही थी, यह बात शुरुआत से ही समझ से परे थी। महज एक व्यक्ति के भड़काने पर इतनी भयंकर हिंसा होना पुलिस के लिए पहले से ही संदेह पैदा कर रहा था। अभी तक अब्दुल मलिक के अलावा फरार चल रहे कई अन्य लोगों को हिंसा भड़काने और अतिक्रमण ध्वस्तीकरण का सर्वाधिक विरोध करने का जिम्मेदार माना जा रहा था। 

वहीं बुधवार को मामले में एक नया मोड़ आया है। पुलिस के सामने कुछ ऐसे तथ्य आए हैं, जिनसे शहर के कुछ राजनेताओं की तरफ पुलिस के शक की सुई घूम गई है। ऐसे करीब पांच नेताओं की छानबीन पुलिस ने शुरू की है। 

नेताओं के फोन बंद 

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस के सामने कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद की बात कहने वाले ये लोग भीतरखाने उपद्रव फैलाने या लोगों को भड़काने वालों के संपर्क में थे। जांच के घेरे में आए इन नेताओं के मोबाइल फोन भी उपद्रव के बाद से स्विच ऑफ आ रहे हैं।

कर्फ्यू वनभूलपुरा के तीन क्षेत्रों में सात घंटे की ढील

डीएम ने शांति व्यवस्था में सुधार को देखते हुए वनभूलपुरा के कर्फ्यू प्रभावित क्षेत्र में स्थित गौजाजाली, रेलवे बाजार और एफसीआई गोदाम क्षेत्र में सुबह 9 से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी है। शेष वनभूलपुरा में सुबह 9 से 11 बजे तक कर्फ्यू में छूट देने का आदेश किया है। यह आदेश 15 फरवरी सुबह 5 बजे से अगले आदेश तक लागू रहेगा। डीएम वंदना की ओर से जारी आदेश के अनुसार, गौजाजाली, रेलवे बाजार, एफसीआई गोदाम क्षेत्र में सुबह 9 से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में छूट रहेगी।

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