कनाडा में भारतीयों से जबरन वसूली के मामले में पांच गिरफ्तार, पढ़ें पूरी खबर…
भारतीयों से जबरन वसूली के मामले में कनाडा सरकार जांच कर रही है। इस सिलसिले में अभी तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कनाडाई अधिकारियों ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्रेटर टोरंटो एरिया (जीटीए) में भारत-कनाडाई व्यवसायों को निशाना बनाकर कथित जबरन वसूली के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। कनाडा पुलिस इन लोगों के भारत से जुड़े होने के एंगल से जांच कर रही थी। पुलिस ने हालांकि कहा कि उन्होंने अभी तक इन मामलों में भारत से संबंध की पुष्टि नहीं की है।
बुधवार को ब्रैम्पटन शहर में मीडिया से बात करते हुए, पुलिस अधीक्षक शेली थॉम्पसन ने कहा, “हम अभी भी यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इसका भारत से कोई संबंध है। अभी, हमारे पास जो जानकारी है और जिस पर हम काम कर रहे हैं उसके हिसाब से कह सकते हैं कि इसका भारत के साथ कोई संबंध नहीं है।” शेली थॉम्पसन पील क्षेत्रीय पुलिस के 23 सदस्यीय एक्सटॉर्शन इन्वेस्टिगेटिव टास्क फोर्स (ईआईटीएफ) का नेतृत्व कर रही हैं।
गौरतलब है कि 2023 के अंत में जीटीए और अल्बर्टा की राजधानी एडमॉन्टन और ब्रिटिश कोलंबिया में जबरन वसूली के कई प्रयास हुए थे। इसको लेकर पुलिस ने संकेत दिया था कि इसके पीछे भारत स्थित संगठनों से हाथ हो सकता है। पुलिस को इस जबरन वसूली कांड के लिए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह पर संदेह था। हालांकि, पुलिस द्वारा की गई अब तक की जांच में अभी तक कोई ऐसे सबूत सामने नहीं आए हैं।
पुलिस की एक विज्ञप्ति के अनुसार, गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में ब्रैम्पटन निवासी गगन अजीत सिंह, मिसिसॉगा का 23 वर्षीय अनमोलदीप सिंह ब्रैम्पटन का 25 वर्षीय हशमीत कौर, ब्रैम्पटन का 21 इयमानजोत कौर और 39 वर्षीय अरुणदीप थिंड शामिल हैं। अरुणदीप थिंड के पते के बारे में पुलिस को अभी जानकारी नहीं मिली है। इन पर जबरन वसूली को लेकर कई दफाओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
गिरफ्तार किए गए पहले चार लोगों पर 24 जनवरी को केस दर्ज किए गए थे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि थिंड पर एक 32 वर्षीय अज्ञात व्यक्ति द्वारा “कथित तौर पर एक फोन कॉल और धमकी भरे व्हाट्सएप संदेश प्राप्त करने और बड़ी रकम की मांग करने” के बाद मामला दर्ज किया गया था। पीआरपी प्रमुख निशान दुरईअप्पा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “हमारी टास्क फोर्स ने तेजी से और कुशलता से काम करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया और कुल 20 से अधिक आरोप लगाए हैं। हम जानकारी रखने वाले किसी भी व्यक्ति को हमारी टास्क फोर्स से संपर्क करने की अपील करते हैं।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जबरन वसूली के इन प्रयासों को “एक महत्वपूर्ण मुद्दा” बताया। उन्होंने कहा कि स्थानीय व्यापारी समुदाय इन हरकतों के कारण “भयभीत” था। उन्होंने कहा, “हम समझते हैं कि इन घटनाओं ने पीड़ितों और उनके परिवारों पर बुरा प्रभाव डाला है। हमारा मानना है कि ऐसे और भी लोग और व्यापारी होंगे जिनसे जबरन वसूली के लिए संपर्क किया गया होगा।”
बता दें कि पिछले साल कनाडा के जिस प्रांत में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई थी वहां भारतीयों को सताया जाने के मामले सामने आए थे। खुद भारत सरकार ने इसका संज्ञान लिया था। भारत ने उन खबरों को “गंभीर चिंता का विषय” बताया था जिनमें कहा गया था कि कनाडाई प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया में भारतीय समुदाय के कुछ सदस्यों को “जबरन वसूली की कॉल” की गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, “यह चिंता का विषय है…लोगों, विशेषकर भारतीय नागरिकों को जबरन वसूली के कॉल आना गंभीर चिंता का विषय है।”