केरल में स्थित वायनाड की खूबसूरती का हर कोई दीवाना, जरूर करें एक्सप्लोर

केरल में स्थित वायनाड भारत का खूबसूरत हिल स्टेशन है। वायनाड कन्नूर और कोझिकोड जिलों के मध्य स्थित है। वायनाड में कई आकर्षित झरने, ऐतिहासिक गुफाएं, मंदिर और मस्जिदें मौजूद है। आपको बता दें कि वायनाड अपने मसालों के बागानों और वन्य जीव पार्क के लिए जाना जाता है। साथ ही वायनाड में घूमने के लिए कई और स्थान भी हैं, जो हर पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। वायनाड का इतिहास प्राचीन है जोकि पैलियोलिथिक सभ्यता से सम्बंधित हैं जो लगभग 800 साल पुराना है। इसके अलावा वायनाड शहर में स्थित एडक्कल गुफाएं नवपाषाण सभ्यताओं से लगभग 6000 साल पुरानी मानी जाती हैं। वायनाड में कई राजवंशों शासन किया जिनमे से कुटुम्बियों, कदंबों, होयसलाओं, विजयनगर साम्राज्य आदि सबसे अधिक महत्वपूर्ण थे। वायनाड के सबसे शक्तिशाली शासक पजहस्सी राजा थे। टीपू सुल्तान के शासन काल में वायनाड शहर सही तरह से विकसित हुआ हालकि जल्द ही यह ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के आधीन आ गया था।

वायनाड को भारत के नक़्शे पर 1 नवंबर 1980 में स्थान मिला और इसके बाद यह केरल के बारहवें जिले के रूप में स्थापित हुआ। इससे पहले यह स्थान मायकक्षेत्र के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ है माया की भूमि। मायकक्षेत्र पहले मायनाड बना और फिर इसे वायनाड के नाम से जाना जाने लगा। वायनाड हिल स्टेशन में सैलानी कई तरह की एक्टिविटी भी कर सकते हैं। यहां आप ट्रैकिंग और कैंपिंग कर सकते हैं। इसके अलावा बोट राइडिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं। इस हिल स्टेशन को घूमने के लिए किसी भी मौसम में जा सकते हैं। लेकिन सबसे अच्छा और उपयुक्त वक्त मई से लेकर अक्टूबर के बीच है। अगर आप अपने पार्टनर के साथ केरल घूमने का प्लान बना रहे हैं, या हनीमून के लिए कोई बेस्ट जगह तलाश रहे हैं, तो हमारी सलाह है कि आप एक बार वायनाड की खूबसूरती को जरूर देखने जाएं।

बाणासुर सागर बांध

वायनाड जिले में बाणासुर पहाड़ियों की गोद में स्थित एक खूबसूरत बाणासुर सागर बांध है। बाणासुर बांध देश का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध है और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। बांध के ऊपर से विशाल जलाशय का दृश्य बेहद शानदार लगता है। यहां आप स्पीड बोटिंग, ट्रैकिंग जैसे रोमांच का लुत्फ उठा सकते हैं। पहाड़ी की चोटी से बाणासुर झील का नजारा मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।

वायनाड वन्यजीव अभयारण्य

वायनाड वन्यजीव अभयारण्य केरल में दूसरा सबसे बड़ा वन्यजीव अभ्यारण्य है और इसमें वनस्पतियों और जीवों दोनों की दुर्लभ और साथ ही लुप्तप्राय प्रजातियां शामिल हैं। यह तमिलनाडु में मुदुमलाई के संरक्षित क्षेत्रों के साथ-साथ कर्नाटक में नागरहोल और बांदीपुर से घिरा हुआ है। वर्ष 1973 में स्थापित, वन्यजीव अभ्यारण्य नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का एक अभिन्न अंग है। अभयारण्य 345 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें ऊपरी वायनाड और निचला वायनाड नामक दो भाग शामिल हैं। नीलगिरी, साथ ही बांस के पेड़, इस क्षेत्र में उगाए जाते हैं।

एडक्कल गुफायें

वायनाड के ऐतिहासिक स्थलों में शामिल एडक्कल गुफायें घूमने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। अपनी उत्कृष्ट चट्टान और दीवार की नक्काशी के लिए प्रसिद्ध, यह पूर्व-ऐतिहासिक एडक्कल गुफाएं 96 फीट लंबी और 22 फीट चौड़ी हैं। गुफा के प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए आपको डेढ़ घंटे और गुफा के मुहाने तक पहुंचने के लिए 45 मिनट का ट्रेक करना होगा। एडक्कल गुफाएं ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की हैं जोकि नव पाषाण युग, स्वर्गीय पाषाण युग से संबधित है।

चेम्बरा पीक

वायनाड में देखने वाली जगह मेप्पडी के बम्बलिंग शहर के निकट और कलपेट्टा से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चेम्बरा पीक वायनाड पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी है , जो कि समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चेम्बरा चोटी न केवल पूरे वायनाड जिले का बल्कि कोझीकोड, मलप्पुरम और नीलगिरी जिलों के एक बड़े हिस्से का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। इसके आसपास की हरी-भरी हरियाली और प्रसिद्ध दिल के आकार की झील को देखने के लिए सबसे ज्यादा सैलानी यहां आते हैं।

ट्री हाउस

वायनाड के सबसे सुन्दर आकर्षण में ट्री हाउस एक आकर्षित स्थान हैं। आप यहां पेड़ों पर बने लकड़ी के घर में रहकर कुछ नया अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। यहां रहने के लिए आप कई तरह के पैकेज ले सकते हैं साथ ही यहां आप बॉनफायर, रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग, नेचर वॉक आदि गतिविधियों में भी शामिल हो सकते हैं।

सूचिपारा फॉल्स

सूचिपारा फॉल्स वायनाड के प्रमुख आकर्षण में से एक हैं और प्रहरी रॉक झरने के नाम से भी जाना जाता है। सूचिपारा जलप्रपात वायनाड के वेल्लारीमाला में तीन स्तरों वाला जलप्रपात है। घने हरे जंगलों से घिरे इस जलप्रपात को प्रहरी रॉक जलप्रपात कहा जाता है। यहां का पानी 200 फीट की ऊंचाई से गिरता है और ये वाटरफॉल ट्रैकिंग और रॉक क्लाइम्बिंग के लिए एक बेहतर स्थान है। इस झरने के नीचे एक पूल में भी है, जहां आप स्नान और स्विमिंग जैसी गतिविधि कर सकते हैं।

सुल्तान बाथैरी

वायनाड का आकर्षण सुल्थान बाथैरी शहर पर्यटकों को अपनी ओर सहज ही खींचता है। यह एक शांत और खूबसूरत शहर हैं जोकि समुद्र तल से लगभग 1000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित हैं। सुल्तान बाथरी शहर के प्रमुख आकर्षण में घाटिया, चट्टान, मैदान, जैन मंदिर, ऐतिहासिक गुफाएँ, अंबालावल हेरिटेज म्यूजियम, जंगल की पगडंडियाँ, सुन्दर नदियाँ, प्राकृतिक हरियाली, एडक्कल गुफाएं, चेथलायम फॉल्स, मुथुंगा वन्यजीव अभयारण्य, और सेंट मैरी चर्च आदि शामिल हैं।

कुरुव द्वीप

कुरुवा द्वीप एक नदी डेल्टा है जो काबिनी नदी पर स्थित है| यह वायनाड जिले की एक महत्वपूर्ण नदी है। कुरुवा द्वीप का निर्माण करने वाले डेल्टा में जैसे सदाबहार वृक्षों का विस्फोट हो रहा है| इस द्वीप पर आपको वनस्पतियों एवं प्राणियों की विभिन्न किस्में देखने को मिल सकती हैं। कुरुवा द्वीप पक्षियों की कुछ दुर्लभ प्रजातियों का घर है। कई आकर्षक जडी बूटियों एवं आर्किड को आप यहाँ वृद्धि करते हुए देख सकते हैं। यह द्वीप उन पर्यटकों के मध्य बेहद लोकप्रिय है जो प्रकृति की बहुतायत की खोज करना चाहते हैं। कुरुवा द्वीप पर पाई जाने वाली प्रकृति की समृद्धता दुनिया भर से पर्यटकों को अपनी ओर खींच लाती है।

पूकोट झील

पुकूट झील (या पूकोड झील) वायनाड में एक ताज़े पानी की झील है। यह झील घने जंगल के बीच स्थित है एवं केरल के प्रसिद्ध पिकनिक स्थलों में से एक है। झील से थोड़ी ही दूरी पर श्री नारायण आश्रम स्थित है। अपने शरीर एवं मस्तिष्क को आराम देने के लिए कुछ समय यहाँ बिताएं। आश्रम का शांत वातावरण और प्राकृतिक सौन्दर्य आपके मन को प्रसन्नता से भर देगा एवं आप अपनी सारी परेशानियों को भूल जाएंगे।

वीथिरी

वायानाड का प्रसिद्ध वीथिरी एक रिसोर्ट शहर हैं जोकि लॉग हट्स और ट्री हाउस के लिए जाना जाता हैं। बता दें कि 18 गाँव के रूप में स्थित वीथिरी 700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। यहाँ के प्रमुख आकर्षण में शामिल पुकोट झील, चेम्बारा पीक, सोजिपारा और मीनमुट्टी फॉल्स आदि शामिल है।

कंथानपारा झरना

कंथानपारा झरना वायनाड के मशहूर स्थानों में शामिल हैं और यह दो हरे-भरे चाय के बागानों के बीच में स्थित हैं। कंथानपारा झरना पिकनिक मनाने और प्रकृति की सैर के लिए एक आदर्श स्थान हैं। कंथानपारा वॉटरफॉल घूमने के लिए पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं और यहाँ के दिलकश नजरो का आनंद लेते हैं।

पक्षीपथलम पक्षी अभयारण्य

वायनाड में घूमने के लिए आकर्षित स्थान पक्षीपथलम पक्षी अभयारण्य प्रकृति प्रेमी और पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नही है। यहाँ आप पक्षियों और पौधो की कई तरह की दुर्लभ प्रजातियों को देख सकते है। पक्षीपथलम बर्ड सेंचुरी कैंपरों के बीच भी लोकप्रिय है। अभयारण्य को अच्छी तरह से संरक्षित करके रखा गया हैं आप यहाँ के प्राकृतिक इलाको के साथ साथ कुछ रॉक कट गुफाओं में भी घूमने के लिए जा सकते हैं।

थिरुनेली मंदिर

वायनाड का दर्शनीय थिरुनेली मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हैं और मंदिर की महिमा कुछ ऐसी हैं कि भक्त अपने आप ही अपने ईष्ट देव के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह एक प्राचीन मंदिर है जोकि घाटी में स्थित होने के साथ एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता हैं। मंदिर का नाम आंवला के पेड़ से लिया गया है और इसके पीछे एक कहानी भी जुडी हुई हैं। जोकि भगवान ब्रह्मा जी द्वारा आंवले के पेड़ के नीचे श्री हरि विष्णु की मूर्ती की पहचान से सम्बंधित हैं।

चेथलायम वॉटरफॉल

वायनाड घूमने वाली प्रमुख जगहों में शामिल चेथलायम वॉटरफॉल केरल राज्य का एक मौसमी झरना है। झरने से गिरने वाला पानी अपनी ऊंचाई के कारण पर्यटकों की भीड़ को एकत्रित करता हैं। इस झरने के आसपास आप रंग बिरंगे पक्षियों को भी देख सकते हैं। साथ ही साथ सांभर, गौर, हाथी, चित्तीदार हिरण और आलसी भालू आदि यहाँ के प्रमुख आकर्षण हैं।

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