इजरायल ने फिलिस्तीन की यूनिवर्सिटी पर गिराया बम, अमेरिका ने जाहिर की नाराजगी
गाजा पर जारी इजरायली हमलों के बीच एक वीडियो सामने आया है, जिसे लेकर बेंजामिन नेतन्याहू सरकार की तीखी आलोचना हो रही है। यह वीडिया फिलिस्तीन की एक यूनिवर्सिटी को बम से उड़ाए जाने का है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मामले में अमेरिका ने भी सख्त नाराजगी जाहिर की है और इजरायल से सफाई भी मांगी है। वीडियो में दिखता है कि कैसे यूनिवर्सिटी के मेन कैंपस को एक ही झटके में बम से उड़ा दिया जाता है। शांत और खाली पड़े कैंपस में विस्फोट होता है और पूरी परिसर आग के गोले में तब्दील होकर सेकेंडों में राख का ढेर बन जाता है। यह धमाका इतना शक्तिशाली था कि आसपास की इमारतें भी हिल जाती हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डेविड मिलर से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि इस बार में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है। अल-इसरा यूनिवर्सिटी के इस कैंपस को लेकर इजरायल का दावा था कि इसे हमास ने अपना कैंप बना लिया था। यूनिवर्सिटी के परिसर को उसने अपने लड़ाकों के छिपने और हथियारों को रखने का ठिकाना बनाया था। एक शिक्षण संस्थान पर हमले को लेकर इजरायल की तीखी आलोचना हो रही है। इसके जवाब में उसका कहना है कि वहां कोई पढ़ाई नहीं हो रही थी बल्कि आतंकियों ने ठिकाना बना रखा था।
म्यूजियम को भी ढहाने का आरोप, रात भर में मारे गए 77 लोग
इस बीच फिलिस्तीनी पक्ष दावा कर रहा है कि यूनिवर्सिटी कैंपस के ससाथ ही नेशनल म्यूजियम को भी तबाह कर दिया गया है। यह संग्रहालय भी यूनिवर्सिटी की ओर से ही बनाया गया था। यह विश्वविद्यालय खान यूनिस शहर में है, जहां हमास के लड़ाकों ने ठिकाने बना रखे हैं। इस बीच फिलिस्तीनी संगठनों का कहना है कि इजरायल ने रात भर गाजा पट्टी पर हमले किए हैं। इन हमलों में 77 लोग मारे गए हैं। बता दें कि इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास ने हमला बोला था। उसके बाद से ही इजरायल लगातार हमले कर रहा है।
गाजा से अब तक 24 लाख का पलायन, 25 हजार की मौत
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इन हमलों में अब तक 25 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। यही नहीं गाजा की करीब 85 फीसदी आबादी यानी 24 लाख से ज्यादा लोगों को पलायन करना पड़ा है। हालात यह हैं कि गाजा पट्टी में खाना, पानी, ईंधन और दवाओं तक की भारी किल्लत है। कई शहरों में तो लोग प्यासे तड़प रहे हैं और टैंकरों से वक्त-बेवक्त पानी की सप्लाई हो पाती है।