लोकसभा चुनाव से पहले सभी सात मोर्चों के राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करेगी भाजपा

लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत भाजपा अपने सभी मोर्चों की धार पैनी करना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले सभी सात मोर्चों के राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित करने का निर्णय किया है। मोर्चों के राष्ट्रीय अधिवेशन जनवरी और फरवरी में होंगे।

खास बात यह है कि इस बार प्रत्येक मोर्चे के दो राष्ट्रीय अधिवेशन होंगे। एक उत्तर भारत के राज्यों के लिए और दूसरा दक्षिणी राज्यों की खातिर। इन सभी अधिवेशनों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संबोधित करेंगे। भाजपा के सात मोर्चों में युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा, किसान मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा शामिल है।

25 हजार कार्यकर्ताओं की जुटान का अनुमान

इन अधिवेशनों में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के दृष्टिगत मोर्चों के अभियानों और कार्यक्रमों को धारदार बनाने की रणनीति पर मंथन होगा। माना जा रहा है कि सात मोर्चों के 14 राष्ट्रीय अधिवेशनों में से एक या दो की मेजबानी उप्र को मिल सकती है।

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने सभी मोर्चों को इन अधिवेशनों में उप्र का प्रतिनिधित्व प्रभावशाली तरीके से करने का निर्देश दिया है। प्रत्येक राष्ट्रीय अधिवेशन में 25 हजार कार्यकर्ताओं की जुटान का अनुमान है। आबादी के लिहाज से सर्वाधिक लोकसभा सीटों वाले राज्य के कारण भी उप्र इन अधिवेशनों में अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी कर रहा है।

लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत भाजपा के सभी मोर्चों को अभियान और कार्यक्रम सौंप दिए गए हैं। मोर्चों को हिदायत दी गई है कि इन कार्यक्रमों और अभियानों को अंजाम देने के साथ वे राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी करते रहें।

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