बिहार के इस जिले में कोरोना को लेकर अलर्ट, स्वास्थ्य केंद्रों में सांस के मरीजों की जांच शुरू
केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड समेत कई राज्यों में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सतर्क किया है। राज्य सरकार की ओर से भी जिला स्वास्थ्य समिति को अलर्ट कर दिया है। सिविल सर्जन डॉ. श्रीकांत दुबे ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों को एंटीजन रैपिड टेस्ट किट मुहैया कराया जा रहा है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा बहाल कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि अस्पतालों में सांस लेने में दिक्कत से जुड़े मरीजों के आने पर सबसे पहले उनकी जांच एंटीजन रैपिड टेस्ट किट से करना है। गुरुवार को पहले दिन 45 मरीजों का सैंपल लिया गया। हालांकि अभी तक एक भी मरीज नहीं मिले हैं। स्वस्थ्य विभाग की ओर से जांच पर हीं विशेष जोर दिया गया है। साथ में लोगों को सतर्क रहने को कहा जा रहा है। सतर्कता हीं इसका बेहतर उपाय है।
ऑक्सीजन प्लांटों को दुरुस्त करने का आदेश
सिविल सर्जन ने मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ बगहा एवं नरकटियागंज अनुमंडल अस्पताल में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट को दुरुस्त करने का आदेश दिया है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आक्सीजन की कमी नहीं है। बीते कोरोना काल में की गई सारी व्यवस्थाएं अपडेट की जा रही हैं।
अलर्ट के बावजूद जीएमसीएच में सतर्कता नहीं
गुरुवार को जीएमसीएच की ओपीडी में मरीजों की भीड़ रही और मरीज व उनके स्वजन एक – दूसरे को धक्का देते रहे। हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से राज्य सरकार के अलर्ट के बावजूद लोगों को सतर्क नहीं किया जा रहा है। वैसी, कोई व्यवस्था नहीं दिखी, जिससे लगे कि कोरोना को लेकर सतर्कता आवश्यक है और अस्पताल प्रशासन लोगों को सचेत कर रहा है।
हालांकि, आरटीपीसीआर जांच की सुविधा मेडिकल कालेज में बहाल कर दी गई है। परंतु अभी तक एक भी संदिग्ध मरीज की जांच नहीं हुई है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रबंधक शहनवाज ने बताया कि अस्पताल के सभी 482 बेड पर पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की व्यवस्था है। अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दो पीएसपी, एक एलएमओ लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट है, जिसकी कुल क्षमता 2000 लीटर प्रति मिनट की है।वहीं 150 आरएसबी सिलेंडर भी उपलब्ध है।
पूर्व की सभी व्यवस्थाएं होंगी अपडेट
अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुधा भारती ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी को पिछले कोरोना काल में मरीजों का इलाज करने का बेहतर अनुभव रहा है। पूर्व में अस्पताल में जो भी कोरोना संक्रमित के इलाज के लिए व्यवस्था की गई थी, आने वाले दिनों में भी उक्त व्यवस्था को लागू किया जाएगा।