सुस्ती की भेंट चढ़ रही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, लाखों लोगों को आयुष्मान कार्ड का इंतजार
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जिले में सुस्ती की भेंट चढ़ गई है। इस योजना के तहत पांच साल की लंबी अवधि बीतने के बाद भी महज दो लाख लोगों को ही आयुष्मान कार्ड मिल सका है। इस योजना के तहत जिले में 8,37,513 लोगों को आयुष्मान (गोल्डन) कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके विरुद्ध अबतक जिले में केवल 2,01,480 लाभुकों का ही गोल्डन कार्ड बन सका है।
सबसे खराब स्थिति पंचदेवरी प्रखंड की है। इस प्रखंड में मात्र 6554 लोगों का ही गोल्डन कार्ड बन सका है। ऐसे में इस योजना का लाभ मिलने का कार्य अबतक सभी पात्र लाभुकों को प्रारंभ नहीं हो सका है।
पिछले दो साल से दिख रही गोल्डन कार्ड बनाने में सुस्ती
योजना की शुरुआत 14 अप्रैल 2018 को की गई। शुरुआत में योजना के तहत पात्र लोगों को गोल्डन कार्ड बनाने की रफ्तार काफी तेज रही। आंकड़े बताते हैं कि एक साल के अंदर जिले में 97 हजार लोगों को गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया। अप्रैल 2019 के बाद योजना में सुस्ती प्रारंभ हो गई। वर्ष 2020 से प्रारंभ हुए कोरोना काल में योजना और अधिक सुस्त हो गई। यहीं कारण रहा है कि जले में अबतक मात्र 24 प्रतिशत लाभुकों को ही गोल्डन कार्ड मिल सका है।
नहीं मिल पा रही नि:शुल्क इलाज की सुविधा
गोल्डन कार्ड (Ayushman Yojana Golden Card) के पात्र लोगों को कार्ड उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें पांच लाख रुपये तक के नि:शुल्क इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इस योजना के तहत गोल्डन कार्ड धारक लाभुक के परिवार के लोगों के नि:शुल्क इलाज का प्रावधान करते हुए इसके लिए अस्पताल तक को चिह्नित करने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। यह स्थिति योजना के प्रति आम लोगों में जागरूकता की कमी के कारण पैदा हुई है। स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में अपेक्षित प्रयास नहीं कर रहा है।
क्या कहते हैं सीएस?
गोल्डन कार्ड बनवाने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाया जाता है। इसमें जल्द ही तेजी लाई जाएगी। – डॉ. वीरेंद्र प्रसाद, सिविल सर्जन