बिहार में 75% आरक्षण को पटना HC में चुनौती, महागठबंधन की मुहिम को लगा बड़ा झटका

बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने बिहार में 75 फीसदी आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। और बताया कि आरक्षण में जो नियम है वो तर्कसंगत नहीं है। 50 से आरक्षण 75 फीसदी आरक्षण लागू करना वाजिफ नहीं है। और इसकी समीक्षा होनी चाहिए। इस मामले में  लिस्टिंग करने से पहले महाधिवक्ता कार्यालय को याचिका की प्रति भेज गई है।

इससे पहले नीतीश सरकार ने विधानमंडल के शीतलाकालीन सत्र से इस विधेयक को पारित कराकर लागू करने की घोषणा की थी। राज्यपाल के स्तर से अंतिम रूप से अनुमति मिलने के बाद यह सूबे में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इसमें 65 फीसदी कोटा सभी तरह के आरक्षित वर्ग और 35 फीसदी कोटा अनारक्षित वर्ग के लिए निर्धारित कर दिया गया है। अनारक्षित वर्ग के 35 फीसदी कोटा में 10 फीसदी सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए निर्धारित है। इस तरह राज्य में सभी तरह के आरक्षण के दायरे को देखें, तो यह 60 फीसदी से बढ़कर 75 फीसदी हो गया है। इस अधिसूचना के जारी होने के बाद अब जितनी सरकारी बहाली और संस्थानों में नामांकन होंगे, उनमें इस नए प्रावधान का ही अनुपालन किया जाएगा।

नई आरक्षण नीति के मुताबिक आरक्षित वर्ग के लिए 65 फीसदी की सीमा निर्धारित की गई है। उसमें 20 फीसदी अनुसूचित जातियां, 2 फीसदी अनुसूचित जन-जातियां, 25 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग और 18 फीसदी पिछड़ा वर्ग के लिए रखा गया है। इसके अलावा 35 फीसदी कोटा सामान्य या अनारक्षित वर्ग के लोगों के लिए निर्धारित किया गया है। इसी में 10 फीसदी कोटा सामान्य वर्ग के ही आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए तय है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker