कार्तिक पूर्णिमा पर इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, परिवार में आएगी सुख- समृद्धि

सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा स्नान, पूजा, तप और दान करने की परंपरा है। शास्त्रों में बताया गया है कि पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप दूर हो जाते हैं। इस दिन गंगा स्नान के बाद भगवान विष्णु की पूजा करने से स्वस्थ और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद मिलता है। इससे घर में सुख-समृद्धि भी आती है। इसलिए पूर्णिमा तिथि पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। अगर आप भी भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन शुभ समय पर भगवान विष्णु की पूजा करें।

कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त

कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 27 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट तक है। इस समय से पहले भक्त स्नान, ध्यान, पूजा, जप, तप और दान कर सकते हैं। सनातन धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय के बाद की जाती है। इसलिए, कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को पड़ रही है।

कार्तिक पूर्णिमा पर शिव योग

ज्योतिषियों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर शिव योग बन रहा है। कार्तिक पूर्णिमा पर शिव योग रात्रि 11.39 बजे तक है। इस योग में गंगा स्नान और भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्त को मृत्युलोक में स्वर्गलोक के समान सुख प्राप्त होता है। साथ ही जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि

कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर ब्रह्म बेला में उठकर नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएं। इस दिन गंगाजल युक्त जल से स्नान करें। यदि सुविधाजनक हो, तो किसी नदी या झील में स्नान करें। आचमन करके स्वयं को शुद्ध कर लें और पीले रंग के वस्त्र धारण करें। साथ ही सूर्य देव को जल भी अर्पित करें। बहते जल की धारा में तिल प्रवाहित करें।

इसके बाद पंचोपचार करें और भगवान विष्णु की पूजा करें। पूजा में उन्हें पीले रंग के फल, फूल, वस्त्र आदि अर्पित करें। विष्णु चालीसा का पाठ करें और मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती करें और भगवान से परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। ब्राह्मणों को दान करने के बाद ही भोजन करें।

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