मानहानि मामले में समन रद्द कराने HC पहुंचे राघव चड्ढा, जानिए आरोप…
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सासंद राघव चड्ढा ने मानहानि केस में ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए समन को रद्द करने और भारतीय जनता पार्टी के नेता छैल बिहारी गोस्वामी द्वारा दायर गिए गए मानहानि के केस में उन्हें बरी किए जाने को लेकर हाई कोर्ट का रूख किया है। ट्रायल कोर्ट ने मानहानि केस में समन जारी किया है और सेंशन कोर्ट ने समन के ऑर्डर को जारी रखा था। हाई कोर्ट ने अब राघव चड्ढा से कहा है कि वो अपनी याचिका के साथ एडिशनल डॉक्यूमेंट दायर करें।
जस्टिस स्वर्ण कांत शर्मा ने अदालत में राघव चड्ढा की तरफ से पेश वकील से कहा कि वो याचिका में एडिशनल डॉक्यूमेंट जोड़ें। अब इस मामले में 11 दिसंबर, 2023 को सुनवाई होगी। 11 नवंबर, 2023 को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष जज ने राघव चड्ढा को समन जारी किया था। अदालत ने राघव चड्ढा और सत्येंद्र जैन की उस अपील को ठुकरा दिया था जिसमें समन जारी करने के खिलाफ ऑर्डर देने की गुहार लगाई गई थी।
क्या हैं आरोप
अदालत ने कहा था कि दोनों क्रिमिनल रिविजन याचिकाओं को खारिज किया जाता है और 16 फरवरी, 2022 तथा 9 नवंबर, 2022 को जारी किए गए ऑर्डर कानूनी तौर से सही हैं। ट्रायल कोर्ट ने भाजपा नेता :छैल बिहारी गोस्वामी द्वारा दायर की गई मानहानि की याचिका पर समन जारी किया था। भाजपा नेता ने दावा किया था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, न्यूजपेपर और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए गलत बयान जारी उनकी मानहानि की गई है। यह बयान बीजेपी के नियंत्रण वाली North MCD में 2400-2500 करोड़ रुपये के फंड की गड़बड़ी को लेकर दिए गए थे।
निलंबित हैं राघव चड्ढा
भाजपा नेता का आरोप है कि सत्येंद्र जैन औऱ पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के फंड को लेकर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है। सेशन कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेश तथ्यों के साथ कानून के हिसाब से भी पूरी तरह से सही और कानूनी है। बता दें कि राघव चड्ढा 11 अगस्त से ही राज्यसभा से निलंबित है। दरअसल कुछ सांसदों ने राघव चड्ढा पर उनकी सहमति के बिना एक प्रस्ताव में उनका नाम जोड़ने का आरोप लगाया था।