यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्‍पादों की बिक्री पर लगेगी रोक, नौ कंपनियों के खिलाफ FIR दर्ज

सीएम योगी आदित्‍यनाथ की सख्‍ती के बाद यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन के अजीबोगरीब धंधे पर कार्रवाई शुरू हो गई है। सरकार ऐसे सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्‍पादों पर प्रतिबंध लगा सकती है। ऐसी कंपनियां डेयरी, कपड़ा, चीनी, मसाले, साबुन और नमकीन जैसे उत्‍पादों को भी सर्टिफाइड करके बेच रही थीं। ऐसी नौ कंपनियों के खिलाफ लखनऊ के थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। हलाला सर्टिफिकेशन को लेकर सरकार जल्‍द ही कड़े नियम बना सकती है। 

मिली जानकारी के अनुसार हलाल सर्टिफिकेशन देकर विभिन्‍न उत्‍पादों की बिक्री करने वाली ऐसी नौ कंपनियों के खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। शैलेंद्र शर्मा नामक शख्‍स की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। जिन कंपनियों पर एफआईआर दर्ज हुई है उनमें हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्‍नई, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्‍ट्र मुंबई और जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्‍ट दिल्‍ली और कुछ अज्ञात कंपनियां शामिल हैं। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी, 153 ए, 298, 384, 420, 468, 471 और 505 के तहत केस दर्ज किया गया है। बता दें कि भारत में कोई भी सरकारी संस्‍था इस तरह का सर्टिफिकेट जारी नहीं करती है। 

क्‍या है हलाल सर्टिफिकेशन

हलाल के अवैध सर्टिफिकेशन का खुलासा होने के बाद एक बार फिर हलाल और हराम को लेकर लोगों के जेहन में सवाल उठने लगे हैं। रेख्‍ता डिक्‍शनरी बताती है कि हलाल और हराम अरबी के दो शब्‍द हैं। जानकारों के मुताबिक इस्‍लामी धर्मशास्‍त्र में जिन बातों या चीजों को हराम बताया गया है उसे करने की मनाही होती है। जिन चीजों को हलाल बताया गया है उन्‍हें ही किया जा सकता है। मान्‍यताओं के अनुसार हलाल, खाने-पीने की चीजों को बनाने की प्रक्रिया और जानवरों के वध पर लागू होता है। हलाल सर्टिफिकेशन करने वाली कंपनियों का ये दावा होता है कि अमुक उत्‍पाद इस्‍लामी मान्‍यताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। हलाल सर्टिफाइड की मुहर लगाकर उत्‍पाद बेचे जाते हैं जबकि कोई सरकारी संस्‍था इस तरह का सर्टिफिकेशन नहीं करती। 

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker