दिल्ली-NCR में CNG, बीएस-6 और इलेक्ट्रिक वाहनों को ही मिले अनुमति, बढ़ते प्रदूषण पर केंद्र से मांग

दिल्ली-एनसीआर में हवा में पलूशन का स्तर बढ़ रहा है। ऐसे में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को केंद्र सरकार से गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-6 वाहनों को अनुमति देने की मांग की है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव को लिखे पत्र में गोपाल राय ने दीपावली और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मद्देनजर आने वाले दिनों दिनों में वायु गुणवत्ता में संभावित गिरावट को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के समाधान के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से जुड़े राज्यों के साथ आपातकालीन बैठक बुलाई जानी चाहिए।

केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के निर्देशों के अनुसार, एक नवंबर से दिल्ली और एनसीआर में आने वाले हरियाणा,उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों और कस्बों के बीच केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस-6 डीजल बसों को संचालित करने की अनुमति है। राय ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार को पूरे एनसीआर क्षेत्र में बीएस-6 मानदंडों का अनुपालन नहीं करने वाले सभी वाहनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

हाल के वर्षों में कई अध्ययनों से पता चला कि राजधानी में पीएम2.5 उत्सर्जन में सड़क पर चलने वाले वाहनों से निकलने वाले धुएं का योगदान नौ से 38 फीसदी तक है। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को लगातार पांचवें दिन जहरीली धुंध छायी रही जिससे बच्चों और बुजुर्गों में सांस और आंख से जुड़ी समस्याओं के बढ़ने को लेकर डॉक्टर चिंतित हैं।

तापमान में धीरे-धीरे गिरावट, प्रदूषण में सहायक शांत हवा की उपस्थिति और पंजाब तथा हरियाणा में कटाई के बाद धान की पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के कारण पिछले सप्ताह दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 27 अक्टूबर से तीन नवंबर के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक में 200 अंकों की वृद्धि हुई है, जिससे शुक्रवार को यह अति गंभीर श्रेणी (450 से अधिक) में पहुंच गया।

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