दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने CM केजरीवाल की नोटिस भेजे जाने पर कही यह बात

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समय भी कार्रवाई से पहले वारंट देने का प्रावधान था। किसी भी पुलिस कार्रवाई पर चेक एंड बैलेंस का नियम लागू होता है। गिरफ्तारी से पहले वारंट दिखाना अनिवार्य होता है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कानून में चेक एंड बैलेंस नहीं है। केंद्र सरकार एजेंसी का खुल्लमखुल्ला गलत इस्तेमाल कर रही है। यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को ईडी का समन आएगा और उनकी गिरफ्तारी होगी, ये बात मनोज तिवारी को कैसे पता? 29 और 30 अक्टूबर के इंटरव्यू में इन्होंने यह बात कही। इसका मतलब साफ है कि यह सब कुछ बीजेपी का षडयंत्र है। मनोज तिवारी को यह बात कैसे पता? क्या वह भगवान विष्णु के अवतार हैं?

उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के अंदर चुनाव हैं। आम आदमी पार्टी इन सभी राज्यों में चुनाव लड़ रही है। वह आम आदमी पार्टी से घबरा गई है। राष्ट्रीय पार्टी के संयोजक को गिरफ्तार कर वह इसे रोकना चाहती है।

केजरीवाल को किस हैसियत से बुला रहेः सौरभ

उन्होंने कहा कि आज केजरीवाल को ईडी ने समन किया था। उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर कहा कि ईडी के समन में यह साफ नहीं है कि वे केजरीवाल को किस हैसियत से बुला रहे हैं? संदिग्ध के तौर पर या गवाह के तौर पर, इसे साफ करें। वे बताएं कि केजरीवाल को मुख्यमंत्री, आप के संयोजक या व्यक्तिगत केजरीवाल के तौर पर बुला रहे हैं, यह स्पष्ट नहीं है। इसे जानबूझकर साफ नहीं किया जा रहा।

कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि मनी ट्रेल कहां है: सौरभ

उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की। तब से उस ऑर्डर पर काफी चर्चा हो रही है। मैंने 45 पेज का ऑर्डर पढ़ा। सुप्रीम कोर्ट के लिए सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट के अंदर जब वो मामला चला था तो उच्चतम न्यायालय ने ईडी से सवाल किया कि मनी ट्रेल कहां है? पैसा सिसोदिया के पास कैसे, कब और कहां से पहुंचा? कोर्ट ने इसके लिए 5 अगस्त से 5 सितंबर तक समय भी दिया था।

ईडी के पास कोई सबूत नहींः सौरभ

उन्होंने कहा कि आदेश में ईडी ने पैसे लेने के दो आरोप लगाए और सुप्रीम कोर्ट ने इसे डील भी किया। पहला आरोप था कि दिनेश अरोड़ा और अमित अरोड़ा ने 2 करोड़ 20 लाख रुपये सिसोदिया को दिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई के चार्जशीट में यह बात नहीं है। इसका ईडी ने कोई सबूत नहीं दिया। दूसरा आरोप था कि 100 करोड़ रुपये की किट बैग्स तथाकथित साउथ ग्रुप ने आम आदमी पार्टी को दी। कोर्ट ने कहा कि इसका सबूत कोर्ट के लिए पर्याप्त नहीं थे। ये दोनों बातें सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में डील किया।

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