उत्तराखंड-हिमाचल प्रदेश में मानसून ने मचाई तबाही, इतने लोगों की हुई मौत तो करोड़ों का हुआ नुकसान
देश में हिमालयी राज्यों में मानसून के दौरान आसमान से आफत बरसी है। पुल टूटने, सड़कों के बहने सहित भूस्खलन से करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ है। भारी बारिश के बाद कई लोगों की जान भी चली गई। हिमालयी राज्यों के लिए मानसून का सीजन सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
इस साल का मानसून हिमाचल और उत्तराखंड पर सबसे भारी पड़ा है। मानसून में प्राकृतिक आपदाओं की बात करें तो 123 घटनाओं के साथ हिमाचल देश में सबसे ऊपर रहा है। इसके बाद सबसे अधिक प्रभावित होने वाले राज्य महाराष्ट्र में 69 और उत्तराखंड में 68 घटनाएं हुई हैं।
मौसम विभाग व विश्व बैंक की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मानसून में सबसे अधिक नुकसान दो हिमालयी राज्यों को हुआ है। उत्तराखंड और हिमाचल में इस अवधि के दौरान करीब पांच सौ लोगों की मौत हुई है। हिमाचल सरकार के आंकड़ों के अनुसार वहां 420 लोगों की जान गई।
जबकि 9711.95 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस साल बारिश का चार साल पुराना रिकॉर्ड टूटा है। बात उत्तराखंड की करें तो यहां 73 लोगों की जान इस साल प्राकृतिक आपदा में गई। उत्तराखंड सरकार को 1417.51 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है।
कई जगह सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं और पुल टूट गए। मैदानी जिलों में गन्ने की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार मानसून में बढ़ती आपदाओं के कारण हिमालयी राज्य अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
मानसून बीता, आपदा के जख्म पीछे छूटे
उत्तराखंड में आपदा के कारण सबसे अधिक नुकसान सड़कों का हुआ है। स्थिति काफी खराब हो गई है। मानसून सीजन बीतने के बाद भी अब तक सड़कों की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है। चार धाम के अलावा कुमाऊं मंडल में भी सड़कों की स्थिति काफी खराब है। नैनीताल के आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार के अनुसार इस बार आपदाओं ने काफी नुकसान पहुंचाया है।