संसद का विशेष सत्र का एजेंडा जारी, चार विधेयक भी होंगे पेश, जानिए पूरी योजना
18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की तस्वीर आखिर बुधवार रात साफ हो गई। सत्र के दौरान संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा होगी।
17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई
लोकसभा सचिवालय द्वारा बुधवार को जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। एजेंडे में चार विधेयकों का भी उल्लेख है। इनमें अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 और प्रेस और पुस्तक पंजीकरण विधेयक, 2023 राज्यसभा से पारित हो चुके हैं एवं लोकसभा में लंबित हैं। वहीं, डाकघर विधेयक 2023 तथा मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 सूचीबद्ध हैं। इस बीच, संसद सत्र से पहले सरकार ने 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए पेश हुआ विधेयक
संसदीय कामकाज की इस सूची में और आइटम भी जोड़े जा सकते हैं। वैसे विशेष सत्र के एजेंडे पर सबकी निगाहें थीं और विपक्ष इसे मुद्दा भी बनाए हुए था। एजेंडे में शामिल मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था।
विशेष सत्र में डाकघर विधेयक, 2023 को लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है। यह बिल पहले 10 अगस्त को राज्यसभा में पेश किया गया था। इस सत्र में संसद की कार्यवाही पुराने भवन से शुरू होकर बाद में नए संसद भवन में चलने की संभावना है।
जयराम रमेश ने एक्स पर किया पोस्ट
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा, आखिरकार, सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के दबाव के बाद मोदी सरकार 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने के लिए तैयार हो गई। फिलहाल जो एजेंडा सामने आया है, उसमें कुछ भी नहीं है। इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था।’
उन्होंने एजेंडे पर कहा, ‘मुझे यकीन है कि परदे के पीछे कुछ और है।’ उधर, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘आगामी सोमवार से शुरू होने वाले ससंद सत्र से पहले रविवार को शाम साढ़े चार बजे सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई गई है। इस संबंध में आमंत्रण संबंधित नेताओं को ईमेल से भेज दिए गए हैं। पत्र भी भेजे जाएंगे।’