भारत ने चीनी विदेश मंत्रालय के दावों को किया खारिज, कहा- मोदी और जिनपिंग की मुलाकात के लिए चीन ने किया था अनुरोध….

नई दिल्ली, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 2023 (BRICS Summit 2023) के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिं (XI Jinping) की मुलाकात हुई। दोनों के बीच एलएसी (LAC) समेत कई मुद्दे पर बातचीत हुई। अब चीन (China) ने दावा किया है कि यह मुलाकात भारत के अनुरोध पर हुई है, जबकि भारत ने इसका खंडन करते हुए कहा कि यह मुलाकात चीनी पक्ष की ओर से लंबित थी।

दरअसल, चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा था कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी के अनुरोध पर ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान उनसे बातचीत की थी।

एलएसी पर रहा मुख्य फोकस

मोदी-जिनपिंग की बैठक में संपूर्ण वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी पर तेजी से तनाव कम करने के लिए काम करने पर सहमति बनी। इससे पहले, जून 2020 में भारत-चीन के सैनिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भिड़ गए थे। इसके साथ ही, दोनों देश अपने अधिकारियों को एलएसी पर सैनिकों की शीघ्र वापसी पर काम करने का निर्देश देने पर भी सहमत हुए।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने चिनफिंग समेत अन्य ब्रिक्स नेताओं के साथ बातचीत की। जिनपिंग के साथ बातचीत में, प्रधानमंत्री ने एलएसी और भारत-चीन सीमा के साथ अन्य क्षेत्रों में अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर प्रकाश डाला। दोनों नेताओं के बीच “वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य सवालों पर विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान हुआ।

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है, और दुनिया और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी अनुकूल है। 

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने क्या कहा? 

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की। दोनों नेताओं ने वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य सवालों पर स्पष्ट और गहन विचारों पर चर्चा की।

चुनयिंग ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है और दुनिया और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी अनुकूल है। दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए, जिससे संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा की जा सके। 

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