चमोली करंट हादसा: जल संस्थान ने ऊर्जा निगम पर फोड़ा ठीकरा, इन संचालन से जुड़े मामलों अपनी गलती की स्वीकार

चमोली करंट हादसे में एसटीपी हादसे को लेकर जल संस्थान ने ऊर्जा निगम पर ठीकरा फोड़ा है। जल संस्थान की जांच टीम ने मुख्यालय को जांच रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में साफ किया है कि यदि ऊर्जा निगम का लाइन मैन कनेक्शन न जोड़ता तो ये हादसा ही नहीं होता। हालांकि जल संस्थान ने संचालन से जुड़े मामलों पर अपनी गलती स्वीकार की है।

जल संस्थान के महाप्रबंधक कुमाऊं डीके सिंह, एसई प्रवीन सैनी की जांच टीम ने मुख्यालय को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में बताया गया है कि दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह ऊर्जा निगम के स्टाफ का लाइन कनेक्ट करना है। एसटीपी ऑपरेटर की मौत होने और मौके पर लाइन मैन के मौजूद रहने के बाद भी बिना सोचे समझे लाइन कनेक्ट की गई।

इसके बाद प्लांट में करंट फैला, जो कई लोगों की मौत की वजह बना। ऊर्जा निगम ने लाइन पर लगे टीपीएमओ का इस्तेमाल किया होता तो लाइन कनेक्ट होने के बाद भी प्लांट तक करंट नहीं पहुंचता। जीएम जल संस्थान आरके रोहेला ने जांच रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की। रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है।

फॉल्ट न ट्रांसफॉर्मर और न ही मीटर तक था। करंट मीटर के बाद आगे प्लांट में फैला। प्लांट की एमसीबी काम नहीं कर रही थी। यूपीसीएल को किसी ने भी हादसे की कोई जानकारी नहीं दी। जल संस्थान के सुपरवाइजर ने भी कबूला है कि उसने प्लांट के भीतर लाइन डिस्कनेक्ट कर दी थी।
एमएल प्रसाद, निदेशक ऑपरेशन यूपीसीएल

ब्लैक लिस्ट करने की संस्तुति की

जल संस्थान ने अपने स्तर पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की संस्तुति जल निगम को भेज दी है। मुख्य अभियंता मुख्यालय जल निगम संजय सिंह ने बताया कि ब्लैक लिस्ट किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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