बिहार में पुल गिरने के बाद ड्यूटी पर तैनात गार्ड लापता, तलाश में जुटी SDRF की टीम

गंगा घाट अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच फोरलेन महासेतु के तीन पिलर के बीच पाया संख्या 9 से 13 के बीच चार सुपर स्ट्रक्चर रविवार की शाम पांच बजे गंगा में समा गया। इस बीच एसडीआरएफ के उप निरीक्षक बीरेंद्र कुमार ने बताया कि एसडीआरएफ टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए की हादसे के बाद कोई हताहत तो नहीं हुआ गंगा नदी का निरीक्षण किया। इस बीच एक महिला ने दावा किया है कि उसके परिवार का एक सदस्य घटना के समय साइट पर गार्ड के रूप में काम कर रहा था और हादसे के बाद से ही वह लापता है। महिला ने बताया कि वह पिलर नंबर 10 के नीचे ड्यूटी कर रहा था। हादसे के बाद से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए और प्रशासन से उसे सकुशल बरामद करने की मांग करने लगे। लापता व्यक्ति की पहचान विकास कुमार के रूप में हुई है। 

एसडीआरएफ के उप निरीक्षक बीरेंद्र कुमार ने बताया कि एसडीआरएफ की चार नावें मौके पर निरीक्षण कर रही हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यहां कोई फंस न जाए। भागलपुर जिले के अंतर्गत आने वाले सुल्तानगंज की तरफ से तीन खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। इससे पहले भी इसी स्थान पर क्षति हुई थी। अभी तक किसी के घायल होने या हताहत होने की सूचना नहीं है। वहीं परबत्ता के सीओ चंदन कुमार ने गुमशुदगी की शिकायत पर कहा कि पुल गिरने के बाद एसपी सिंगला कंपनी में गार्ड के रूप में काम करने वाला एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। उसका शव अभी तक बरामद नहीं किया गया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तलाश कर रही हैं और उसका पता लगाया जा रहा है।

घटना के समय गंगा घाट सुल्तानगंज से गंगा पार कर रहे परबत्ता प्रखंड के थेभाय गांव की प्रत्यक्षदर्शी सरिता देवी ने बताया कि वे सुल्तानगंज से नाव से गंगा घाट अगुवानी पहुंचे ही थे कि देखा की महासेतु के पिलर के बीच का हिस्सा चंद पल में ही देखते ही देखते गंगा नदी में समा गया। पुल का हिस्सा नदी में गिरते ही पानी नदी में तेज लहर उठने लगी। वहीं एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी अनिल मंडल ने बताया कि पुल के नदी में गिरते ही गंगा घाट अगुवानी में लोग इधर उधर भागने लगे। कुछ दूरी पर सुरक्षित निकलकर साथ में नाव से नदी पार कर रहे अपनों को खोजने लगे। वहीं अन्य प्रत्यक्षदर्शियों में डोली कुमारी, दयाती देवी, ननकी देवी आदि ने बताया कि नदी में पुल गिरते ही उसकी आंखों के सामने घाट पर अंधेरा छा गया। कुछ देर बाद आंख खुली तो लोगों में अफरातफरी का माहौल देखा।

पुल गिरने के बाद बिहार में सियासत भी शुरू हो गई है। विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि भागलपुर में अगुवानी-सुल्तानगंज का निर्माणाधीन पुल का गिरना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक अस्थिरता की मानसिकता का परिणाम है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य में प्रशासनिक अराजकता और भ्रष्टाचार हुआ है। विजय सिन्हा ने पुल ढहने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन की आलोचना की और कहा कि इस सरकार में कमीशनखोरी की परंपरा है। उन्होंने कहा कि इस घटना की तत्काल जांच होनी चाहिए। इस घटना में जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार में भ्रष्टाचार करने वालों ने अपना कमीशन तय कर लिया है। भ्रष्टाचार पर आपकी जीरो टॉलरेंस कहां है?

बता दें कि हादसे के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खगड़िया-अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच निर्माणधीन महासेतु के सुपर स्ट्रक्चर के ऊपरी हिस्से के गिरने की विस्तृत जांच करने और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से मामले की विस्तृत जानकारी ली। पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव को उक्त निर्देश दिया।

1710 करोड़ की लागत से हो रहा है पुल का निर्माण 

फोरलेन महासेतु सह एप्रोच पथ का निर्माण 1710 करोड़ की राशि से किया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को आधारशिला रखी। 9 मार्च 2015 को परियोजना का निर्माण शुरू किया गया।

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