कतर के PM ने अफगानिस्तान में तालिबान के टॉप लीडर के साथ की सीक्रेट मीटिंग, जानें पूरा मामला…

कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल-थानी ने 12 मई को अफगानिस्तान में शीर्ष तालिबान नेता हैबतुल्ला अखुंदजादा के साथ एक गुप्त बैठक की. सीएनएन ने बैठक से परिचित दो स्रोतों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी 

तालिबान नेता और कतर के पीएम के बीच 12 मई को कंधार में यह बैठक हुई. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन प्रशासन को बैठक के बारे में तुरंत जानकारी दी गई.

एंटनी ब्लिंकन ने की कतरी पीएम से बात

बैठक के बाद, अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन और कतरी पीएम ने टेलीफोन पर बातचीत की. 13 मई को अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा एक रीडआउट में ब्लिंकेन की ‘अफगानिस्तान पर कतर की निरंतर सहायता के लिए सराहना’ का उल्लेख किया गया.

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार कुछ दिनों बाद कतर के अल जज़ीरा ने बताया कि मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल-थानी ने तालिबान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच संबंधों को सुविधाजनक बनाने के लिए काबुल का दौरा किया था.

दोहा में यूएस अधिकारियों और तालिबान की मुलाकातें

रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान की सत्ता में वापसी (अगस्त 2021) और अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद से यूएस अधिकारियों ने दोहा में तालिबान के साथ कभी-कभी मुलाकात की है. अमेरिका ने काबुल में अपने राजनयिक परिसर को बंद कर दिया है और अपने राजनयिक मिशन को दोहा स्थानांतरित कर दिया है.

यूएन सम्मेलन में तालिबान का न्योता नहीं

बता दें मई में, दोहा में अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित सम्मेलन में तालिबान को आमंत्रित नहीं किया गया था. इससे पहले, यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा था कि देश में गंभीर मानवीय स्थिति और इसके अंतरराष्ट्रीय अलगाव पर चर्चा करने के लिए तालिबान को बैठक में आमंत्रित नहीं किया जाएगा. अल जज़ीरा ने संयुक्त राष्ट्र के एक स्रोत का हवाला देते हुए जानकारी दी कि तालिबान की मान्यता बैठक के एजेंडे में नहीं थी.

शिक्षा और रोजगार पर पाबंदियों सहित महिलाओं पर बढ़ते प्रतिबंधों के लिए तालिबान शासन को दुनिया के देशो की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

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