टेलीकॉम कंपनियों के टैरिफ प्लान की शिकायत मिलने पर होगी जांच, TRAI ने दिया यह नया अपडेट

नई दिल्ली, दूरसंचार नियामक ट्राई ने शुक्रवार को टैरिफ प्लान वेरिफिकेशन से जुड़े मुद्दे पर सफाई देते हुए कहा कि दूरसंचार कंपनियों द्वारा फाइल की गई पिछली सभी टैरिफ प्लान की जांच के लिए कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जा रहा है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक स्पष्टीकरण नोट में कहा कि कुछ TSPs द्वारा प्रभावित लोगों की ‘विशिष्ट शिकायतें मिलने पर, मामले की जांच की जा रही है और ‘नियामक प्रावधानों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।

नए सिरे से की जाएगी जांच

ट्राई ने कहा कि नियामक सिद्धांतों के अनुपालन न करने की शिकायत मिलने पर प्राधिकरण के वैधानिक शासनादेश के अनुसार किसी भी टैरिफ की नए सिरे से जांच की जा सकती है। इसमें टेलीकॉम सहित किसी भी हितधारक द्वारा टैरिफ की हिंसक प्रकृति के आरोप शामिल होंगे। 

शिकायत मिलने पर होगी जांच

ट्राई ने कहा कि कुछ विशिष्ट योजनाओं को छोड़कर दूरसंचार कंपनियों द्वारा दायर सभी पिछली टैरिफ योजनाओं की जांच के लिए ट्राई द्वारा कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जा रहा है। कुछ TSPs  द्वारा कथित शिकार की विशिष्ट शिकायतें प्राप्त होने पर, मामले की जांच की जा रही है और नियामक प्रावधानों के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।

ट्राई के अनुसार, निर्धारित नियामक प्रावधानों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए दूरसंचार कंपनियों द्वारा दायर टैरिफ प्रस्तावों की नियमित जांच की जा रही है। वर्ष 1999 में TTO की स्थापना के बाद से पिछले कई वर्षों से टैरिफ की परीक्षा प्रचलन में है। इसने ‘मीटरिंग और बिलिंग सिस्टम की सटीकता पर ड्रॉफ्ट नियमों’ से संबंधित मुद्दों पर एक अलग स्पष्टीकरण भी जारी किया।

LSA का साल में एक बार होगा ऑडिट

ट्राई ने जोर देकर कहा कि प्रस्तावित विनियम एक वर्ष में किए जाने वाले ऑडिट की संख्या के मामले में सेवा प्रदाताओं के बोझ को कम करते हैं। प्रत्येक तिमाही में हर LSA (Licensed Service Area)का ऑडिट करने के बजाय, वार्षिक आधार पर एक ऑडिट प्रस्तावित है। इसका मतलब है कि प्रत्येक LSA का साल में केवल एक बार ऑडिट किया जाना है।

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