केपी गोसावी ने आर्यन खान के साथ सेल्फी लेकर 25 करोड़ की रिश्वत लेने का बनाया प्लान, जानें कौन…

नई दिल्ली, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी प्राथमिकी में दावा किया कि ‘स्वतंत्र गवाह’ किरण या केपी गोसावी और प्रभाकर सेल (जो अब इस दुनिया में नहीं हैं), को दो अक्टूबर 2021 को एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े के निर्देश पर कोर्डेलिया क्रूज शिप ड्रग छापे में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा शामिल किया गया था। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के परिवार से आर्यन खान को ड्रग्स मामले में छोड़ने के लिए कथित रूप से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने पर वानखेड़े और तीन अन्य के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है।

नियमों के खिलाफ गोसावी को आरोपियों के करीब जाने दिया गया

सीबीआई ने दावा किया है कि गोसावी को नियमों के खिलाफ आरोपियों के करीब जाने दिया गया। उनके परिवार से 25 करोड़ रुपये की रंगदारी लेने का प्रयास किया गया, लेकिन 18 करोड़ रुपये में सौदा तय किया गया। इसमें से 50 लाख रुपये एडवांस भी ले लिए गए। 

केपी गोसावी कौन है?

सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि केपी गोसावी ने अपने सहयोगी सनविले डिसूजा और अन्य के साथ मिलकर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के परिवार को धमकी देकर उनसे 25 करोड़ रुपये वसूलने की साजिश रची। हालंकि, बाद में आर्यन को छोड़ने के लिए गोसावी और डिसूजा ने बातचीत कर राशि को घटाकर 18 करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने 50 लाख रुपये की राशि भी टोकन के रूप में ले लिया था। हालांकि, बाद में कुछ हिस्सा वापस कर दिया गया।

वानखेड़े ने स्वतंत्र गवाह के रूप में गोसावी को लेने का दिया निर्देश

प्राथमिकी के अनुसार, समीर वानखेड़े ने तत्काल पर्यवेक्षण अधिकारी होने के नाते गोसावी और प्रभाकर सेल को ड्रग भंडाफोड़ मामले में अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही में स्वंत्रत गवाह के रूप में लेने का निर्देश दिया था। वानखेड़े ने एनसीबी के तत्कालीन अधीक्षक वीवी सिंह को एनसीबी कार्यालय ले जाते समय गोसावी को ‘आरोपियों को संभालने’ देने का निर्देश दिया था, जिससे गोसावी को अभियुक्तों की हिरासत में होने का दृश्य प्रभाव पैदा करने के लिए उन्हें और अन्य लोगों को ‘फ्रीहैंड’ की अनुमति दी गई थी।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि एक स्वतंत्र गवाह के सभी मानदंडों का उल्लंघन करते हुए गोसावी को आरोपी व्यक्तियों की कंपनी में उपस्थित होने की अनुमति दी गई और यहां तक कि छापे के बाद एनसीबी कार्यालय में आने की अनुमति दी गई और सेल्फी क्लिक करने और आरोपी के वॉयस नोट रिकॉर्ड करने की आजादी दी गई। इससे गोसावी और डिसूजा को अन्य लोगों के साथ कथित रूप से शाहरुख खान से रिश्वत मांगने की ‘साजिश’ में शामिल होने की पुष्टि होती है।

गोसावी पर सबसे पहले नवाब मलिक ने उठाया सवाल

एनसीपी नेता नवाब मलिक एनसीबी कार्यालय के अंदर गोसावी की उपस्थिति पर सवाल उठाने वाले पहले व्यक्ति थे। मलिक ने दावा किया कि उनके दामाद को भी NCB द्वारा फंसाया गया था। उन्होंने महसूस किया कि जांच एजेंसी के एक अधिकारी के लिए आर्यन खान के साथ सेल्फी लेना और उन्हें सार्वजनिक करना सबसे असामान्य था। इसलिए उन्होंने उस व्यक्ति की खुद से जांच शुरू की।

एनसीबी का अधिकारी नहीं है गोसावी

छह अक्टूबर, 2021 को अपनी पहली प्रेस कान्फ्रेंस में एनसीपी नेता ने खुलासा किया कि गोसावी एनसीबी के साथ नहीं थे। वे वास्तव में वानखेड़े द्वारा बुलाए गए एक स्वतंत्र गवाह थे। कथित तौर पर फरार गोसावी को 28 अक्टूबर, 2021 को 2018 के धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जब उसने कथित तौर पर मलेशिया में नौकरी देने के बहाने चिन्मय देशमुख से ₹18 लाख की ठगी की थी। गोसावी के आर्यन के साथ अपनी सेल्फी के कारण सुर्खियों में आने के कुछ दिनों बाद, प्रभाकर सेल ने आरोप लगाया कि उन्होंने गोवा जाने वाले कॉर्डेलिया जहाज पर छापे के बाद एक व्यक्ति से ₹50 लाख लिए थे।

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