बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का धरना 10वें दिन जारी, गिरफ्तारी नहीं होने पर देशभर में….

नई दिल्ली, कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा के लोकसभा सदस्य बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पहलवानों का धरना 10वें दिन आज मंगलवार को भी जारी है। इस दौरान पहलवानों को लगातार विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं का समर्थन मिल रहा है। मामले को लेकर पहलवानों ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। 

विनेश ने कहा कि वर्ष 2012 और 2014 में बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत भी की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। मैं 2 साल से फेडरेशन में भी नहीं गई, धरने को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। केस दर्ज करने के बाद भी पुलिस ने पीड़िताओं के बयान नहीं दर्ज किए हैं। यदि बृजभूषण सही जांच चाहते हैं तो खुद की गिरफ्तारी दें।

इसी कड़ी में साक्षी ने कहा कि परेशान करने के लिए बार-बार ट्रायल लिया जाता था। वहीं, बजरंग पुनिया ने बृजभूषण पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो अपनी मर्जी से ट्रायल कराते हैं। हमें अदालत पर पूरा भरोसा है।

पहलवानों को मिला टिकैत का साथ

इसी कड़ी में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत आज जंतर मंतर पर पहलवानों के धरना स्थल पर पहुंचे।

इस दौरान टिकैत ने चेतावनी देते हुए कहा, “बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं हुई तो पूरे देश में आंदोलन होगा। देश में सरकार के लिए कानून अलग है जबकि आम आदमी के लिए अलग है। यह सरकार षड्यंत्रकारी है।”

बृजभूषण की गिरफ्तारी कर की जाए पूछताछ : सिद्धू

गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू धरनास्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने पहलवानों को संबोधित करते हुए कहा था, अगर सच तक पहुंचना है तो बृजभूषण की गिरफ्तार करना जरूरी है। जब उनसे आम अपराधी की तरह पूछताछ होगी तभी सच सामने आ पाएगा। धरने को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कई खाप और लोगों ने पहुंचकर समर्थन दिया।

सिद्धू ने कहा था, ये कोई रील हीरो नहीं हैं, ये रियल हीरो हैं। एफआइआर होने में दस दिन लग गए। इससे पता चलता है कि आरोपित कितना ताकतवर है। आखिर क्यों एफआइआर सार्वजनिक नहीं की जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज हुआ है। ऐसे में जिस अधिकारी ने इसमें लापरवाही बरती है, उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने कहा था, बृजभूषण का इस्तीफा बेहद जरूरी है। क्योंकि पद पर रहते हुए वह जांच को प्रभावित कर सकता है। इसलिए सही जांच के लिए इस्तीफा जरूरी है। सरकार तो कमेटी बनाकर मामले की इतिश्री कर लेना चाहती थी। कमेटी बनाने का मतलब पूरा देश जानता है। पाक्सो के तहत गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तारी होती है। लेकिन, अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसका कारण कहीं कमजोर धाराएं तो नहीं लगाई गई हैं।

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