ज्यादा सोना भी बढ़ा सकता है समस्या, जरूर पढ़ लें ये खबर

नींद ना आना एक परेशानी है। जिसके कारण तमाम प्रकार की बीमारियां होने का खतरा रहता है। वहीं नींद ना आने से हाई बीपी एवं हार्ट अटैक जैसे रिस्क भी हो जाते हैं। दिनभर में कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है। हालांकि यदि आप बहुत अधिक सोते हैं तो ये खबर आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। हाल ही में हुई स्टडी में खुलासा हुआ है कि जो लोग आवश्यकता से अधिक सोते हैं उनमे भी दिल के दौरे का खतरा होता है। 

वही यदि आप सोते वक़्त खर्राटे लेते हैं, रातभर करवट बदलते हैं, दिन में झपकी लेते हैं या रात को बार-बार उठते हैं तो ये खराब नींद के लक्षण होते हैं। जिनके कारण हार्ट अटैक का खतरा होता है। अधिक सोने एवं बदले में अधिक नींद की परेशानी होने से हार्ट अटैक का खतरा पांच गुना होता है। जिन व्यक्तियों को नींद से जुड़ी ये पांच दिक्कतें होती है उन्हें स्ट्रोक का खतरा उन लोगों की तुलना में अधिक होता है जिन्हें नींद की समस्या नहीं होती है। अध्ययन में दिए स्टेटमेंट में खुलासा किया गया है कि नौ घंटे से अधिक सोने वाले लोगों को दोगुना हार्ट अटैक का खतरा होता है। सुनकर आश्चर्य होगा मगर ये सच है। जबकि इस अध्ययन में दिल के दौरे के इन खतरों को निकाल दिया गया है। जिसमे डिप्रेशन, एल्कोहल के कारण नींद, स्मोकिंग, फिजिकल एक्टिविटी की कमी सम्मिलित थी। सामान्य तौर पर दिनभर में 9 घंटे की नींद लेते हैं तो हार्ट अटैक का रिस्क रहता है।

वहीं स्लीप एप्निया के शिकार लोग जो नींद में हर घंटे सांस रुक जाने के परेशान रहते हैं, में हार्ट अटैक का खतरा तीन गुना अधिक होता है। स्लीप एप्निया अक्सर सांस रुक जाने का पैटर्न चेंज करता रहता है। जिसके कारण हार्ट अटैक का रिस्क सबसे अधिक होता है। जिन व्यक्तियों को अधिक खर्राटे आते हैं वो भी हार्ट अटैक के रिस्क पर रहते हैं। क्योंकि खर्राटे आना भी स्लीप एप्निया का ही एक रूप है। जिसे लोग हमेशा हल्के में लेते हैं तथा उपचार कराना आवश्यक नहीं समझते। जिन लोगों को खर्राटे आते हैं वो 91 प्रतिशत अधिक हार्ट अटैक के खतरे पर होते हैं। ऐसे लोगों की कभी भी नींद में सांस रुक सकती है। 

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker