मुंबई पुलिस को फर्जी कॉल करने वाला कारोबारी गिरफ्तार, जमीनी विवाद के चलते चचेरे भाई को करना चाहता था परेशान
मुंबई (महाराष्ट्र), महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) की नासिक इकाई ने 47 वर्षीय एक व्यवसायी को पुलिस को फर्जी कॉल करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिसमें दावा किया गया था कि पाकिस्तान से संबंध रखने वाले 3 आतंकवादी मुंबई में दाखिल हुए हैं। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि अहमदनगर के रहने वाले आरोपी का अपने रिश्तेदारों के साथ संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। उसने अपने चचेरे भाई का नाम लेकर फर्जी कॉल की ताकि उसे परेशान किया जा सके।
आतंकवादी कनेक्शन को लेकर किया फर्जी कॉल
मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को 7 अप्रैल को एक कॉल गई जिसमें दूसरे पक्ष के व्यक्ति ने दावा किया कि दुबई से पाकिस्तान कनेक्शन वाले 3 आतंकवादी मुंबई में घुस आए हैं।
फोन करने वाले ने खुद की पहचान पुणे के एक राजा थोंगे के रूप में की और आतंकवादियों में से एक का नाम मुजीब मुस्तफा सय्यद बताया। अधिकारी ने कहा कि उसने एक मोबाइल नंबर और कथित तौर पर तीनों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे एक वाहन के बारे में भी बताया।
अधिकारी ने बताया कि मोबाइल नंबर बीड जिले के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर था, लेकिन उसे किसी आतंकवादी के बारे में कोई सुराग नहीं था। इस मामले में आगे की जांच करने पर पता चला कि ये फोन कॉल फर्जी थी।
ATS ने सय्यद को किया गिरफ्तार
दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई थी, ATS की नासिक इकाई ने भी जांच शुरू की थी। उन्होंने कहा कि तकनीकी जांच और अन्य इनपुट की मदद से ATS ने यासीन याकूब सय्यद को गिरफ्तार किया।
अधिकारी ने बताया कि आयरन कोटिंग का कारोबार करने वाले यासीन सय्यद ने ATS को बताया कि उसने फोन कॉल को आतंकी एंगल बताते हुए फोन किया क्योंकि वह चाहता था कि पुलिस उसके चचेरे भाई को परेशान करे।
चचेरे भाई से जमीनी विवाद को लेकर किया था फर्जी फोन
अधिकारी ने कहा कि उसने जानबूझकर अपने चचेरे भाई का नाम आतंकवादियों में से एक के रूप में इस्तेमाल किया। आरोपी ने बताया कि जमीन के एक प्लॉट को लेकर उसका अपने रिश्तेदारों से विवाद चल रहा है।
अधिकारी ने कहा कि ATS ने यासीन सैय्यद को आजाद मैदान पुलिस को सौंप दिया, जिन्होंने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
अधिकारी ने नागरिकों से इस तरह की शरारतों से दूर रहने की अपील करते हुए कहा कि भले ही फर्जी कॉल पुलिस मशीनरी पर पानी फेर दें, उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
26 नवंबर 2008 को जब 10 पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे, तब मुंबई में घातक आतंकवादी हमले हुए थे, जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 4 दिनों में 300 से अधिक लोग घायल हो गए थे, जिनमें से 9 को गोली मार दी गई थी।