पं बंगाल में खतरनाक ट्रेंड, अब तक चार राजनेताओं की हत्या, पढ़ें पूरी खबर…
बंगाल में राजनीतिक हिंसा और चुनाव के बाद हिंसा कोई नई नहीं है। 2020 के बाद राज्य में एक खतरनाक ट्रेंड देखने को मिला है। 2020 के बाद यहां चार राजनेताओं की हत्या की जा चुकी है। इसमें एक सत्ताधारी टीएमसी पार्टी का नेता, दो भाजपा के और एक कांग्रेस का नेता शामिल है। चारों की हत्या लोगों के सामने कर दी गई। जांच में पता चला कि इन्हें मारने वाले लोग हथियार चलाना अच्छी तरह जानते थे। कुछ हत्यारे तो दूसरे राज्यों के थे जिन्हें हत्या के लिए रकम दी गई थी।
2020- मनीष शुक्ला
4 अक्टूबर 2020 को भाजपा के मनीष शुक्ला की हत्या कर दी गई थी वह टीटागढ़ नगर निगम में पार्षद थे। इसके अलावा बैरकपोर कोर्ट में वकालत करते थे। मोटरसाइकल सवारों ने एक भीड़भाड़ वाले इलाके में गोली मारकर उनकी हत्या करदी थी। उनपर शाम को साढ़े 8 बजे के करीब हमला किया गया था। पुलिस ने बाद में कहा था कि मृतक भी हत्या के केसों में आरोपी थे इसलिए अलग-अलग ऐंगल से जांच की जा रही है।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 10 साल पहले से ही शुक्ला को मारने की कई बार कोशिश हो चुकी ती। उन्होंने सीपीआई (एम) छोड़कर टीएमसी जॉइन की थी। इसके बाद उनपर कई बार हमले हुए। आखिरी में 2019 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। सीआईडी अधिकारियों ने बताया था कि हमलावरों ने 78 सेकंड के अंदर ही अपना काम कर दिया। उन्होंने 18 गोलियां चलाई थीं। इसमें से सात शुक्ला को लगी थीं। पुलिस का कहना था कि मारने वाले प्रोफेशनल थे क्योंकि आसपास किसी और को खरोंच भी नहीं आई थी।
बाद में सीआई़डी ने लुधियाना से कॉन्ट्रैक्ट किलर सुजीत कुमार राय और रोशन यादव को गिरफ्तार किया था। पता चला कि बिहार के गैंगस्टर सुबोध सिंह ने हत्या के लिए हायर किया था जो कि उस वक्त हत्या के ही मामले में जेल में बंद था। 2010 में बैंक डकैती के लिए भी सुबोध ही जिम्मेदार था। वहीं शुक्ला के पिता ने अपनी शिकायत में टीएमसी के नेता पर शक जताया था।
2022: अनुपम दत्ता और तपन कांडू
मार्च 2022 में टीएमसी पार्षद अनपुम दत्ता और झालदा टाउन, पुरुलिया जिले से पार्षद तपन कांडू की हत्या कर दी गई। कुछ दिन पहले ही वे चुनाव जीते थे। बात में पता चला कि अमित पंडित नाम के शख्स ने दत्ता की हत्या की है। वहीं टीटागढ़ नगर निगम के ठेकेदार संजीव पंडित को अमित को हायर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बताया गया कि दत्ता ने संजीव के प्रोजेक्ट रुकवा दिए थे इसीलिए उसने हत्या करवा दी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया था, अमित हत्या के लिए चार लाख रुपये लेता था। पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि उसने संजीव के कहने पर हत्या की थी। लोग यह जानकर हैरान थे क्योंकि अमित की पहचान एक म्यूजिशन के तौर पर थी। वह इंस्ट्रूमेंट बजाकर पैसे कमाया करता था और बेहद शांत रहता था। वहीं पुरुलिया में पुलिस ने दीपक कांडू को गिरफ्तार किया था जो कि तपन कांडू का भतीजा था। उसने अपने चाचा के खिलाफ टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन हार गया था। उसने सात लाख में कॉन्ट्रैक्ट किलर हायर करके हत्या करवाई थी। मामला संपत्ति विवाद का बताया गया था।
तपन की हत्या के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2022 में सीबीआई जांच का आदेश दिया। इसके अलावा तपन कांडू के पुराने दोस्त निरंजन की आत्महत्या मामले में भी सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे। वह तपन की हत्या मामले में प्रमुख गवाह था। इसके बाद अप्रैल 2022 में सीबीआई ने सत्यवान प्रमाणिक को गिरफ्तार किया। सीबीआई का कहना था कि कारोबार में विवाद की वजह से तपन की हत्या की गई थी।
2023: राजेश झा
1 अप्रैल को राजेश झा की हत्या कर दी गई। उनपर अवैध कोयला खनन का केस भी चल रहा था। पूर्व बर्दवान जिले में एनएच 2 के पास में भीड़भाड़ वाले इलाके में उनकी हत्या कर दी गई। वह लंबे समय से लेफ्ट पार्टी से जुड़े थे लेकिन 2020 में भाजपा के साथ आ गए थे। उन्होंने दुर्गापुर में होटल, गेस्ट हाउस और शॉपिंग मॉल तक बनवाया था। वह अपनी एसयूवी की सीट पर मृत पाए गए थे। उनके साथ सहयोगी ब्रातिन मुखर्जी को भी निशाना बनाया गया था लेकिन वह बच गए।