कानपुर: 33 घंटे बाद AR टावर के फर्स्‍ट फ्लोर पर मिला शव, जांच में जुटी पुलिस…

कानपुर के सबसे बड़े रेडीमेड मार्केट के आग लगने के 33 घंटे बाद शनिवार की सुबह एआर टावर के फर्स्‍ट फ्लोर पर एक शव मिला है। शव, बुरी तरह जला हुआ है। पुलिस को आशंका है कि यह शव पान की गुमटी लगाने वाले का है। उनके परिवार वालों को सूचना देकर पुलिस शव की शिनाख्‍त कराने की कोशिश कर रही है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है।

गुरुवार की देर रात एआर टावर, मसूद, हमराज और नफीस टावर में आग लग गई थी। इस घटना में एआर टावर के नीचे पान की गुमटी लगाने वाला 40 वर्षीय एक शख्‍स लापता हो गया। परिवारीजनों ने शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात कर उसे खोजने की गुहार लगाई थी। इधर, रात भर फायर विभाग के लोग चारों इमारतों में आग पर काबू पाने के प्रयास में लगे रहे।

पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि सुबह लगभग आठ बजे दमकल कर्मी इमारतों के अंदर दाखिल हुए। एआर टावर के फर्स्‍ट फ्लोर पर सुबह लगभग दस बजे एक शव बरामद हुआ। अधिकारी के मुताबिक लापता युवक के परिजनों को सूचना देकर शव की शिनाख्त कराने का प्रयास किया जा रहा है। शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया है।

अब भी धधक रही आग 

कानपुर रेडिमेड मार्केट में पीछे की तरफ अब भी आग धधक रही है। इस बीच आग पर काबू पाने के लिए प्रयागराज से एक और हाइड्रोलिक दमकल मंगवाई गई है। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के मुताबिक आग के चलते टावर के ग्राउंड फ्लोर और ऊपरी हिस्‍से की छतें लटक गई हैं। हमराज कॉम्‍प्‍लेक्‍स और एआर टावर की बिल्डिंग में दरारें पड़ गई हैं। स्थिति ऐसी है कि फायर ब्रिगेड वालों के लिए भी बिल्डिंग के अंदर जाना खतरनाक हो सकता है। 

ईद से ठीक पहले तबाही

बांसमंडी इलाके में रेडीमेड निर्माता और डिस्ट्रीब्य़ूटर दोनों ही कारोबार करते हैं। 14 राज्यों में यहां से रेडीमेड कपड़ों की सप्लाई होती है। ईद की वजह से गोदामों में माल भरा था। आग एआर काम्प्लेक्स से होते हुए अर्जन काम्प्लेक्स फिर मसूद काम्प्लेक्स, हमराज और नफीस टावर तक पहुंच गई।

हवा में घुल गई धागों की राख

बांसमंडी के टॉवरों में आग लगते ही आसपास का इलाका घने काले धुएं से ढक गया। धागों की राख हवा में घुल गई जिससे सांस लेना दूभर हो गया। लोग घरों से बाहर आ गए, खांसी बढ़ने पर मास्क लगाना पड़ा। अग्निकांड से आसपास कई किमी क्षेत्र की हवा प्रदूषित हो गई। 

स्टेट बैंक भी आग से घिरा, कैश सुरक्षित

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की डिप्टी पड़ाव ब्रांच भी आग के घेरे में आ गई। नफीस टॉवर में लगे एटीएम और शाखा के अंदर लाखों रुपये थे जो बच गए। थोक रेडीमेड बाजार के बीच स्थित इस शाखा में करोड़ों का लेनदेन होता है। अचानक आई आग की खबर से बैंक में भी अफरातफरी मच गई। शुक्रवार सुबह बैंक कर्मचारियों ने सबसे पहले एटीएम में रखे कैश को निकाला। इसके बाद शाखा से महत्वपूर्ण दस्तावेजों को वैन के जरिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इस संबंध में एसबीआई के डीजीएम नीलेश द्विवेदी ने कहा कि बैंक का कैश सहित सभी कीमती दस्तावेज सुरक्षित हैं। अभी तक किसी नुकसान की सूचना नहीं है। आग थमने के बाद एक बार फिर शाखा का निरीक्षण किया जाएगा।

पांच टावरों में 14 करोड़ कैश भी भस्म

रामनवमी यानी गुरुवार को बैंक बंद थे लेकिन रेडीमेड कपड़ों का बाजार खुला था। रोज की तरह कारोबारी लेनदेन भी हुआ। हमराज कॉम्प्लेक्स के एक बड़े व्यापारी ने नाम न खोलने की शर्त पर बताया कि रात में लेनदेन के बाद कैश दुकानों के लॉकर में ही सुरक्षित रख दिया जाता था। इन दिनों सुबह से ही व्यापारी दुकान पहुंच जाते हैं। उन्होंने बताया कि बैंक में अवकाश होने से भी सभी टॉवरों की 700 दुकानों में से अधिकांश में ठीकठाक कैश रखा था। मसूद कॉम्प्लेक्स के थोक रेडीमेड व्यापारी ने कहा कि कम से कम एक दुकान में एक लाख से 20 लाख रुपये तक थे। उन्होंने कहा कि कम से कम 14 करोड़ का कैश इस अग्निकांड में जलकर राख हो गया।

पूरा सिस्टम ही आग से ठप हो गया

कारोबारी मोहम्मद एजाज ने बताया कि कारोबार में लेनदेन का चक्र होता है। एक ऑर्डर उधार में ही चलता है। पिछले ऑर्डर का भुगतान तभी होता है, जब अगला ऑर्डर पहुंच जाता है। इस आग ने न केवल तत्काल चोट दी है बल्कि लंबे समय के लिए घाव दे दिया है। उन्होंने बताया कि पांच दिन में जिन व्यापारियों को पहले राउंड का माल भेजा गया है, उन्हें दूसरे राउंड का माल नहीं भेज पाएंगे क्योंकि पूरा माल खराब हो गया या जल गया। कारीगर भी भाग गए हैं। 300 से ज्यादा छोटी इकाइयां भी बर्बाद हो गईं, जहां रेडीमेड का फिनिशिंग वर्क होता था। अगले तीन महीने तक की सप्लाई कानपुर से रुक गई है। इसका असर यह होगा कि कम से कम पिछली सप्लाई की आधी रकम बाजार में ही मर जाएगी।

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