जीवनदायिनी मां, जलदायिनी की भी बन रहीं स्रोत

  • उत्तर प्रदेश के हर घर निर्मल जल पहुंचाने में महिला शक्ति दे रही योगदान
  • फिल्ड टेस्ट किट (एफटीके) के जरिए 4.80 लाख महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण
  • महिलाओं को सम्मान के साथ गांवों में ही स्वावलंबन से भी जोड़ रही योगी सरकार

लखनऊ, बच्चे के लिए मां जीवनदायिनी होती हैं। जल भी जीवन है। मां बच्चे की छोटी से छोटी जरूरत की अनुभूति कर लेती है। आमजन को निर्मल व शुद्ध जल की जरूरत है, यह अनुभूति मोदी व योगी सरकार ने की। केंद्र की ‘हर घर जल’ की इस योजना को उत्तर प्रदेश में साकार करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार के इस प्रयास में महिलाएं भी जीवनदायक जल को सुलभ बना रही हैं। नमामि गंगे की तरफ से इसके लिए 4.80 लाख महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया गया। पिछले वर्ष के 9 महीने में महिलाओं ने पानी के 30 लाख से अधिक सैंपलों की जांच भी की।

4.80 लाख महिलाओं को प्रशिक्षण देकर स्वावलंबन से भी जोड़ रही सरकार

कभी पानी के लिए तरसता बुंदेलखंड आज जल ही जीवन की परिभाषा को चरितार्थ कर रहा है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 4.80 लाख महिलाओं को पानी की जांच का प्रशिक्षण देकर योगी सरकार ने स्वावलंबन से भी जोड़ा। एफटीके (फील्ड टेस्ट किट) से जल स्रोतों का परीक्षण करने के लिए इन्हें आत्मनिर्भर बनाते हुए प्रति जांच 20 रुपये की स्वावलंबन राशि भी दी गई। इससे न सिर्फ यूपी के हर घर नल से जल पहुंच रहा है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को सुरक्षा के साथ ही घर-गांव में रोजगार भी प्रदान किया जा रहा है।

पेयजल देने में शीर्ष चार राज्यों में यूपी, महिलाओं की भी अहम भूमिका

उत्तर प्रदेश में 86 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाए गए हैं। योगी सरकार की उपलब्धि है कि 5 करोड़ से अधिक लोगों को घर-घर नल से शुद्ध पेयजल का लाभ मिलने लगा है। सर्वाधिक नल कनेक्शन देने में यूपी देश में चौथे नंबर पर है। यूपी से आगे अभी सिर्फ बिहार, महाराष्ट्र व गुजरात ही आगे हैं। यूपी की इस विकास यात्रा में स्वच्छ जल, बेहतर कल के लिए सरकार के प्रयास में ग्रामीण महिलाएं भी शामिल हो रही हैं। तकनीकी क्षेत्रों में सात लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें 30 फीसदी महिलाएं हैं। इनसे संविदा के रूप में ऑपरेटर से लेकर इंजीनियर तक का दायित्व महिलाएं निभा रही हैं।

आंगनबाड़ी केंद्रों में भी कभी नहीं थी पानी की सुविधा, आज संपन्न

राज्य के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में कभी पीने के पानी की सुविधा भी नहीं थी। अब उनके पास कार्यात्मक नल का कनेक्शन भी है। इसमें भी महिलाएं कंधे से कंधे मिलाकर योजना की बढ़ोतरी में अपना योगदान दे रही हैं। मिर्जापुर में 2019 से पहले 0.56 प्रतिशत परिवारों के पास नल के पानी का कनेक्शन था। अब यह बढ़कर 69.10 प्रतिशत के आसपास है। रोजाना करीब 600 कनेक्शन जोड़े जा रहे हैं। सोनभद्र क्षेत्र में 400 नल जल कनेक्शन प्रतिदिन लगाए जा रहे हैं। पहले महज 4.08 प्रतिशत नल कनेक्शन के मुकाबले अब यह आंकड़ा 41.51 प्रतिशत हो गया। इस समृद्धि को पाने में ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं का अथक प्रयास भी शामिल है।

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