हड़ताल खत्म होते ही इतने हजार मेगावाट बढ़ी बिजली की खपत, 24 घंटे में आपूर्ति होगी बहाल
उत्तर प्रदेश में जगह-जगह हड़ताल के दौरान बिजली की मांग व आपूर्ति कैसे नीचे चली गई थी इसका प्रमाण एसएलडीसी की मांग और आपूर्ति का ग्राफ है। रविवार को तीन बजे हड़ताल समाप्त होने के बाद बिजली की मांग व आपूर्ति जो 10000 मेगावाट के करीब चल रही थी वह शाम 7.57 बजे 14976 मेगावाट पहुंच गई थी।
इससे पूर्व हड़ताल के दिनों में 17 मार्च को राज्य में बिजली की मांग व आपूर्ति 12000 से 14000 मेगावाट के बीच रही थी। 18 मार्च को बिजली को स्थिति बहुत बिगड़ गई थी। अधिकांश उपकेंद्रों व फीडरों में व्यवधान आने के कारण मांग न्यूनतम पर आ गई थी। इस दिन बिजली की अधिकतम आपूर्ति (खपत) 11500 मेगावाट ही थी।
बाधाएं तत्काल दूर करें बिजलीकर्मीऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि हड़ताल में शामिल बिजली कर्मियों को जनता के दुख दर्द का अहसास हुआ और उन्होंने आखिरकार सरकार की बात मान ली। बिजली कर्मियों से कहा कि सभी तत्काल कार्यस्थल पर लौटें और बिजली आपूर्ति को बहाल करें। लापरवाही या कार्य में शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रविवार को संघर्ष समिति से सुबह 10 बजे ही वार्ता होनी थी लेकिन यह वार्ता 230 बजे हुई।
24 घंटे में सामान्य हो सकेगी बिजली आपूर्ति
बिजली कर्मियों की हड़ताल के कारण चरमराई बिजली आपूर्ति को सामान्य करने में कम से कम 24 घंटे लग जाएंगे। प्रबंधन के लिए राहत की खबर यह है कि अनपरा की 500 मेगावाट की तापीय उत्पादन इकाई जो ठप पड़ गई थी, उसे रविवार की शाम को चालू कर दिया गया। अन्य उत्पादन इकाइयों को चालू करने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। एक-दो दिनों में सभी इकाइयों से उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा।
बर्खास्त कर्मी बहाल किए जाएंगे, दर्ज हुए मुकदमे वापस होंगे
ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति को आश्वस्त किया कि कार्य बहिष्कार और हड़ताल के दौरान एस्मा के उल्लंघन, विद्युत आपूर्ति बाधित व क्षतिग्रस्त करने पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे। बर्खास्त किए गए सभी कर्मचारियों को बहाल किया जाएगा। आश्वासन दिया कि तीन दिसंबर 2022 के समझौते से जुड़े मुद्दों को वार्ता के माध्यम से सुलझाने का प्रयास किया जाएगा।