उत्तराखंड की वित्तीय हालत में सुधार, धामी सरकार का GST से ऐसे भरा खजाना
उत्तराखंड की वित्तीय हालत सुधारने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की ओर से उठाए गए सख्त कदमों का असर नजर आने लगा। एसजीएसटी संग्रह की वृद्धि दर के लिहाज से उत्तराखंड ने यूपी, हिमाचल प्रदेश, पंजाब समेत कई बड़े राज्यों को पछाड़ कर देश के टॉप-06 राज्यों में आ चुका है।
पिछले साल के मुकाबले अब तक राज्य में एसजीएसटी की वसूली में 32 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हो चुकी है। वर्तमान में राज्य की सकल राजस्व प्राप्तियों में राज्य कर विभाग का योगदान 50 प्रतिशत से अधिक है। शुक्रवार को हिन्दुस्तान से बातचीत में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कर वसूली को लेकर कई अहम और कड़े कदम उठाए हैं।
यह इसी का नतीजा है कि राज्य में हर साल एसजीएसटी का ग्राफ बढ़ रहा है। इस साल वर्ष 2022-23 में अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 तक राज्य का जीएसटी संग्रह 6897.50 करोड़ रुपये हो चुकी थी। पिछले साल 2021-22 में इस अवधि में राज्य का जीएसटी संग्रह 5150.35 करेाड़ रुपये था।
पिछले साल के मुकाबले यह इजाफा 32 से ज्यादा है। अपर आयुक्त अमित गुप्ता ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में फरवरी तक जीएसटी संग्रह 12 हजार 442 करोड़ था। इसी वर्ष 15 हजार 322 करोड़ है।
कर चोरी में देश में पहली बार दी सजा
जीएसटी चोरी में दोषी कारोबारी का सजा देने का देश का पहला मामला भी उत्तराखंड से ही आया। राज्य की छह फर्मों में करोड़ों रुपये की अनियमितता के आरोप में कारोबारी सुरेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में कोर्ट में करीब छह महीने में सुनवाई करते हुए लगभग 6 माह के भीतर ही कार्रवाईकरते हुए न्यायालय ने आरोपी को दोषसिद्ध करार दिया। यह देश का प्रथम मामला है, जिसमें कर चोरी में लिप्त किसी दोषी व्यक्ति को जीएसटी अधिनियम- 2017 के अन्तर्गत सजा सुनायी गयी है।
राज्य का राजस्व बढ़ाने के लिए वित्त विभाग ने कई अहम उठाए हैं। राजस्व बढ़ोतरी की बदौलत ही सरकार नई जनहित योजनाएं शुरू कर पा रही है। नए साल के बजट में भी सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है।