महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने लगाया गंभीर आरोप, कहा- केंद्र पोर्टल पर किसानों से पूछी जा रही जाति…
महाराष्ट्र विधानसभा में शुक्रवार को विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि राज्य के सांगली जिले (Sangli district) में किसानों को उर्वरकों की खरीद के लिए केंद्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर उनकी जाति का उल्लेख करने के लिए कहा जा रहा है। इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने व्यवस्था में सुधार का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से पोर्टल पर उस कॉलम को हटाने के लिए कहा जाएगा, जहां किसानों को अपनी जाति का उल्लेख करना आवश्यक है।
अजीत पवार ने उठाया मुद्दा
विपक्ष के नेता अजीत पवार ने राज्य विधानमंडल के निचले सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सांगली में किसानों को केंद्र के पोर्टल के माध्यम से उर्वरकों की खरीद से पहले उनकी जाति का उल्लेख करने के लिए कहा जा रहा है। पवार ने कहा कि पोर्टल के अपडेट संस्करण में, खरीदारों के लिए एक श्रेणी बनाई गई है, जहां उनकी जाति पूछी जाती है। इस पर कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (Prithviraj Chavan) ने कहा कि ऐसे में यह व्यवस्था केवल सांगली के किसानों तक ही सीमित नहीं रहेगी। यह राज्य के अन्य हिस्सों में भी लागू होगी। उन्होंने राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।
जाति पूछने वाले कॉलम को हटा दिया जाएगा
यह कहते हुए कि पोर्टल केंद्र सरकार द्वारा संचालित है, वरिष्ठ मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि किसानों की जाति पूछने वाले कॉलम को हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ”त्रुटि सुधारी जाएगी।” मुनगंटीवार ने राई का पहाड़ बनाने के लिए विपक्ष की आलोचना की। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने मुनगंटीवार की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और किसानों को यूरिया और खाद देने से पहले उनकी जाति पूछने के लिए सरकार पर निशाना साधा।
शिंदे ने दिया स्पष्टीकरण
मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि केंद्र सरकार को पोर्टल से जाति कॉलम को हटाने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि गुरुवार को पेश बजट में किसानों के लिए कई सकारात्मक फैसले लेने के बाद विपक्षी दलों के पास राज्य सरकार को निशाना बनाने के लिए कुछ नहीं है।