नॉर्थ कोरिया के परमाणु परीक्षण से इन देशों पर मंडरा रहा संकट, रेडिएशन के संपर्क में आ सकते हैं हजारों लोग

सियोल स्थित एक मानवाधिकार समूह ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि हजारों उत्तर कोरियाई और दक्षिण कोरिया, जापान और चीन के लोग भूमिगत परमाणु परीक्षण स्थल से भूजल के माध्यम से फैले रेडियोधर्मी पदार्थों के संपर्क में आ सकते हैं।

उत्तर कोरिया ने हाल ही में एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। जो कि प्योंगयांग की ‘घातक परमाणु हमले की क्षमता’ को प्रदर्शित करता है। ऐसा पहली बार नहीं है कि मिसाइल परीक्षण को लेकर उत्तर कोरिया सुर्खियां बटोर रहा हो।

लेकिन अब सियोल स्थित एक मानवाधिकार समूह ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि हजारों उत्तर कोरियाई और दक्षिण कोरिया, जापान और चीन के लोग से भूजल के माध्यम से फैले रेडियोएक्टिव पदार्थों के संपर्क में आ सकते हैं।

रेडियोएक्टिव पदार्थ साइट के पास के आठ शहरों और काउंटी में सकता है फैल

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सरकारों के अनुसार, उत्तर कोरिया ने 2006 और 2017 के बीच पर्वतीय उत्तरी हम्ग्योंग प्रांत में पुंग्ये-री स्थल पर गुप्त रूप से परमाणु हथियारों के छह परीक्षण किए।

ट्रांज़िशनल जस्टिस वर्किंग ग्रुप द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि रेडियोएक्टिव पदार्थ साइट के पास के आठ शहरों और काउंटी में फैल सकते हैं, जहां 1 मिलियन से अधिक उत्तर कोरियाई लोग रहते हैं। इस जगह पर पीने सहित रोजमर्रा के जीवन में भूजल का उपयोग किया जाता है। 

चीन और जापान ने विकिरण (Radiation) निगरानी बढ़ाई

वहीं चीन और जापान ने विकिरण निगरानी बढ़ा दी है और उत्तर के पिछले परमाणु परीक्षणों के बाद संभावित जोखिम पर चिंता भी जाहिर की है लेकिन दूषित भोजन के बारे में खुले तौर पर किसी तरह की जानकारी नहीं दी है। कई बाहरी विशेषज्ञों ने दूषित पानी से संभावित स्वास्थ्य जोखिमों पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन उत्तर कोरिया ने इस तरह की चिंताओं को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि पिछले परमाणु परीक्षणों के बाद कोई हानिकारक रिसाव नहीं हुआ है। जबकि सियोल और वाशिंगटन ने कहा है कि प्योंगयांग सातवें परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है।

सियोल स्थित एक मानवाधिकार समूह ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि हजारों उत्तर कोरियाई और दक्षिण कोरिया, जापान और चीन के लोग भूमिगत परमाणु परीक्षण स्थल से भूजल के माध्यम से फैले रेडियोधर्मी पदार्थों के संपर्क में आ सकते हैं।

उत्तर कोरिया ने हाल ही में एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। जो कि प्योंगयांग की ‘घातक परमाणु हमले की क्षमता’ को प्रदर्शित करता है। ऐसा पहली बार नहीं है कि मिसाइल परीक्षण को लेकर उत्तर कोरिया सुर्खियां बटोर रहा हो।

लेकिन अब सियोल स्थित एक मानवाधिकार समूह ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा कि हजारों उत्तर कोरियाई और दक्षिण कोरिया, जापान और चीन के लोग से भूजल के माध्यम से फैले रेडियोएक्टिव पदार्थों के संपर्क में आ सकते हैं।

रेडियोएक्टिव पदार्थ साइट के पास के आठ शहरों और काउंटी में सकता है फैल

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सरकारों के अनुसार, उत्तर कोरिया ने 2006 और 2017 के बीच पर्वतीय उत्तरी हम्ग्योंग प्रांत में पुंग्ये-री स्थल पर गुप्त रूप से परमाणु हथियारों के छह परीक्षण किए।

ट्रांज़िशनल जस्टिस वर्किंग ग्रुप द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि रेडियोएक्टिव पदार्थ साइट के पास के आठ शहरों और काउंटी में फैल सकते हैं, जहां 1 मिलियन से अधिक उत्तर कोरियाई लोग रहते हैं। इस जगह पर पीने सहित रोजमर्रा के जीवन में भूजल का उपयोग किया जाता है। 

चीन और जापान ने विकिरण (Radiation) निगरानी बढ़ाई

वहीं चीन और जापान ने विकिरण निगरानी बढ़ा दी है और उत्तर के पिछले परमाणु परीक्षणों के बाद संभावित जोखिम पर चिंता भी जाहिर की है लेकिन दूषित भोजन के बारे में खुले तौर पर किसी तरह की जानकारी नहीं दी है। कई बाहरी विशेषज्ञों ने दूषित पानी से संभावित स्वास्थ्य जोखिमों पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन उत्तर कोरिया ने इस तरह की चिंताओं को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि पिछले परमाणु परीक्षणों के बाद कोई हानिकारक रिसाव नहीं हुआ है। जबकि सियोल और वाशिंगटन ने कहा है कि प्योंगयांग सातवें परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है।

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