पाकिस्तान को IMF की नसीहत, देश के रूप में काम करने के लिए उठाए ये कदम

पाकिस्तान के दिवालिया होने की आशंकाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बड़ा बयान दिया है। उसने कहा कि पाकिस्तान अगर एक देश के रूप में काम करना चाहता है, तो उसे सुनिश्चित करना होगा कि ज्यादा कमाई करने वाले लोग कर का भुगतान करें और केवल गरीबों को ही सब्सिडी मिले।

IMF ने नसीहत दी की आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने होंगे। 17 फरवरी को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से इतर आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने जर्मनी की सरकारी मीडिया डॉयचे वेले को एक साक्षात्कार दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को “खतरनाक स्थिति” में जाने से बचने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, जहां उसके कर्ज को पुनर्गठित करने की जरूरत पड़े।

कर्ज को रीस्ट्रक्चर करने की न पड़े जरूरत

डॉन अखबार के अनुसार, उन्होंने कहा कि आईएमएफ बहुत स्पष्ट था कि वह पाकिस्तान के गरीब लोगों की रक्षा करना चाहता था। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि अमीरों को सब्सिडी से लाभ मिलता है। इसका लाभ गरीबों को मिलना चाहिए।

हम ऐसे कदम उठाने की मांग कर रहे हैं, जिससे पाकिस्तान एक देश के रूप में काम करने में सक्षम बना रहे। वह ऐसी खतरनाक जगह पर नहीं पहुंच जाए, जहां उसके कर्ज को रीस्ट्रक्चर यानी पुनर्गठित करने की जरूरत हो। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पिछले साल अचानक आई बाढ़ से तबाह हो गया था। इससे उसकी एक तिहाई आबादी प्रभावित हुई थी।

आईएमफ चाहता है कि पाकिस्तान करें ये दो काम

हम दो चीजों पर जोर दे रहे हैं। पहला, कर राजस्व। जो लोग कर दे सकते हैं, जो सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में अच्छा पैसा कमा रहे हैं, उन्हें अर्थव्यवस्था में योगदान देने की जरूरत है। दूसरी बात, सब्सिडी को केवल उन लोगों को दी जानी चाहिए, जिन्हें इसकी वास्तव में जरूरत है। ऐसा नहीं होना चाहिए कि सब्सिडी से अमीरों को लाभ होता रहे।

आईएमएफ प्रमुख का बयान दोनों पक्षों की ओर से 10 दिनों की बातचीत के बाद कर्मचारी स्तर के समझौते के बिना 6.5 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज की नौवीं समीक्षा पूरी होने के कुछ दिनों बाद आया है। हालांकि, दोनों पक्षों ने उपायों के एक सेट पर सहमति व्यक्त की है, जो अभी भी सौदा हासिल करने में मदद कर सकता है।

3 हफ्तों तक ही आयात कर सकता है पाकिस्तान

पाकिस्तान को अभी भी पैसों की सख्त जरूरत है, क्योंकि यह एक भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। अतीत में आईएमएफ से वित्तीय सहायता प्राप्त कर चुका है और वर्तमान में अपने ऋण कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए संगठन के साथ चर्चा कर रहा है। इस बीच, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास मौजूद विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है। यह रकम मुश्किल से तीन सप्ताह तक आयात के लिए पर्याप्त है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker