भिलाई के सेक्टर-9 में आग लगने से 25 झोपड़ियां जलकर खाक, लोगों ने समय रहते बचाई अपनी जान
गुरुवार की देर रात को हास्पिटल सेक्टर में एक बड़ी घटना हुई। कचरे की ढेर की आग की चिंगारी से वहां बनी 26 झोपड़ियों में आग लग गई और वो जलकर खाक हो गई। घटना के समय वहां रहने वाले सभी बड़े लोग काम पर गए हुए थे। झोपड़ियों में सिर्फ बच्चे और बुजुर्ग लोग ही थे। देर रात को पार्टी से लौट रहे कुछ युवकों ने अपनी जान पर खेलकर जलती झोपड़ियों से बच्चों और बुजुर्गों को सुुरक्षित रूप से बाहर निकाला।
उन्हीं युवकों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को भी जानकारी दी, लेकिन फायर ब्रिगेड के पहुंचने तक पूरी झोपड़ियां जलकर खाक हो चुकी थी। वहां रहने वालों के तन पर जो कपड़ा है, उसे छोड़कर कुछ भी नहीं बचा। घटना की खबर मिलतेे ही भिलाई निगम महापौर नीरज पाल और भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव भी घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उन्हें पुनर्व्यवस्थापन का आश्वासन दिया।
सेक्टर-9 अस्पताल के पीछे हास्पिटल सेक्टर है। जहां पर 26 झोपड़ियां थी। यहां रहने वाले लोग सेक्टर-9 अस्पताल में अटेंडर का काम करते हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखभाल के लिए मरीजों के स्वजन इन्हें रखते हैं। मरीजों की देखभाल कर के ही ये लोग आय अर्जित करते हैं और अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। गुरुवार की रात को आधी रात बाद इन झोपड़ियों में आग लगी।
बताया जा रहा है कि झोपड़ियों से कुछ ही दूरी पर कचरे का ढेर था। जहां पर किसी ने आग लगा दी थी। उसी ढेर में उठी चिंगारी झोपड़ियों तक पहुंची और वहां बसी पूरी बस्ती उजाड़ हो गई। जिस समय वहां पर आग लगी। उस समय घर पर सिर्फ बच्चे और बुजुर्ग लोग ही थे। बाकि परिवार के सदस्य काम करने के लिए अस्पताल गए हुए थे।
रात में करीब सवा दो बजे गैरी मसीह और उनके कुछ साथी पार्टी से वापस लौट रहे थे। गैरी मसीह और उनके साथी पास की ही कालोनी में रहते हैं। उन्होंने झोपड़ियों में आग लगा देखकर फौरन फायर ब्रिगेड और पुलिस को फोन किया। इसके बाद उन्होंने और उनके दोस्तों ने झोपड़ी के अंदर से बच्चों और बुजुर्गों के बाहर निकाला।
उन युवकों ने चार गैस सिलिंडर भी बाहर निकाले, फिर भी चार सिलिंडर ब्लास्ट हुए। इसके बाद भोर में करीब चार बजे फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया गया। घटना में झोपड़ी में रखे कपड़े, रुपये, अनाज, बच्चों के पढ़ने की कापी व किताब और गाड़ियां जलकर खाक हो गई।
इस घटना में करीब 50 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। निगम और बीएसपी प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए हुडको के शासकीय स्कूल में रहने का इंतजाम किया है। वहीं पर उनके लिए खाना भी बनाया जा रहा है।