SBI ने निधि आधारित उधार दर (MCLR) की सीमांत लागत में की बढ़ोत्तरी, अब लोन लेना हुआ महंगा

अगर आप भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक हैं और लोन लेकर घर, गाड़ी या अन्य जरूरी चीजों को लेने का सोच रहे हैं, तों आपके लिए एक बुरी खबर हैं। SBI ने निधि आधारित उधार दर (MCLR) की सीमांत लागत को 10 आधार अंकों (bps) तक बढ़ा दिया है। इसका असर ये होगा कि ऑटो और होम जैसे लोन को लेना महंगा हो गया है। नई दरें 15 फरवरी से प्रभावी हो गई है। यानी कि आज से ऋण लेने वालों के लिए उधारकर्ताओं की EMI या मासिक किस्तें महंगी हो जाएंगी।

SBI की नई लोन दर

SBI द्वारा एमसीएलआर दर को 7.85 प्रतिशत से 10 बीपीएस बढ़ाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया गया है। एक महीने से लेकर तीन महीने की अवधि के लिए 8.00 प्रतिशत से 10 बीपीएस बढ़ाकर 8.10 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, छह महीने की एमसीएलआर 8.30 प्रतिशत से बढ़कर 8.40 प्रतिशत हो गई है।

लंबी मैच्योरिटी की भी बढ़ी दर

एक साल की मैच्योरिटी के लिए नई दर 8.40 फीसदी से बढ़ाकर 8.50 फीसदी हो गई है, जबकि तीन साल की अवधि को 8.60 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.70 प्रतिशत कर दिया गया है।

इन बैंकों ने भी बढ़ाई दर

SBI से पहले बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) ने भी अपनी उधार दरों को बढ़ा दिया है। PNB ने ने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 25 आधार अंकों की वृद्धि की है, जिससे इसका लेंडिंग रेट 8.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत हो गया है।

दूसरी तरफ, बैंक ऑफ बड़ौदा ने MCLR की सीमांत लागत में 5 आधार अंकों की बढ़त की है। इससे MCLR के पहले मिलने वाले 7.85 प्रतिशत से बढ़कर 7.90 प्रतिशत हो गया है। वहीं, तीन महीने के कार्यकाल के लिए एमसीएलआर 8.25 प्रतिशत से बढ़कर 8.30 प्रतिशत हो गया है।

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