दिल्ली: निक्की यादव हत्याकांड मामले आरोपी साहिल को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा

दिल्ली के बाबा हरिदास नगर के मित्राऊं गांव में हुए निक्की यादव हत्याकांड मामले (Nikki Yadav Murder Case) में दिल्ली की अदालत ने आरोपी साहिल गहलोत को पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को आरोपी को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की थी।

शव के टुकड़े-टुकड़े कर ठिकाने लगाने की थी योजना

पुलिस सूत्रों की मानें तो श्रद्धा वालकर की तरह निक्की यादव के प्रेमी साहिल गहलोत की योजना भी उसके शव को टुकड़े-टुकड़े कर बाहरी दिल्ली के इलाके में फेंक देने की थी। तभी कश्मीरी गेट इलाके में निक्की की हत्या करने के बाद वह शव को मित्राऊं लेजाकर अपने ढाबे में रखे फ्रिज में छिपा दिया था। पूछताछ में साहिल ने कुछ इस तरह की मंशा जाहिर की है।

कई साल से साथ रह रहे थे दोनों

पुलिस का कहना है कि निक्की व साहिल दोनों के स्वजन इस बात से अनभिज्ञ थे कि दोनों वर्षों से साथ रह रहे थे। निक्की का सारा खर्च साहिल ही उठाता था। निक्की को साहिल की शादी अन्य युवती से तय हो जाने की जानकारी मिलने पर जब वह कुछ समय से उसपर शादी करने के लिए दबाव बनाना शुरू किया था तभी साहिल ने उसकी हत्या कर शव को ठिकाने लगाने की साजिश रच डाली थी। उसके मन में श्रद्धा की तरह ही शव को ठिकाने लगाने की बात आई। इसलिए हत्या करने के बाद उसने शव को फ्रिज में छिपा दिया था।

वह पहले यह देखने की कोशिश कर रहा था कि निक्की के स्वजन उसकी खोजबीन करते हैं अथवा नहीं। किसी को उसपर शक न हो इसलिए कुछ समय से साहिल ने निक्की के साथ रहना छोड़ दिया था। पुलिस का कहना है कि अगर साहिल बगैर साजिश रचे निक्की की हत्या करता तब हत्या के बाद उसका शव कहीं भी फेंक सकता था। इस दौरान वह यह देखता कि कहीं उसकी खोजबीन तो नहीं की जा रही है। कोई खोजबीन न होने वह शव के टुकड़े कर अलग अलग जगहों पर फेंक देता।

पुलिस का कहना है कि जहां ढाबा है वहां आसपास घनी आबादी वाला कोई इलाका नहीं है। उसके आसपास जंगल और कई नाले भी हैं, जहां उसकी योजना शव को ठिकाने लगाने की थी। पुलिस का कहना है कि पूछताछ में साहिल सहयोग नहीं कर रहा है। उसे बुधवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

सुनसान इलाके में है खाओ-पिओ ढाबा

मित्राऊं से कैर गांव जाने के क्रम में करीब डेढ़ किमी के हिस्से का इलाका सुनसान ही रहता है। कुछ स्थानों पर लोगों ने खेत की चारदीवारी कर गोशाला या फार्म बना तो लिया है, लेकिन यहां बहुत ही कम लोगों की आवाजाही होती है। साहिल ने जिस स्थान पर ढाबा ‘खाओ-पिओ’ बनाया है, वहां काफी कम लोग ही आते-जाते हैं, लेकिन शनिवार व रविवार को यहां अन्य दिनों के मुकाबले अधिक लोगों की आवाजाही होती थी।

लोगों का कहना है कि यहां पहले गोशाला थी, जिसे ढाबे का रूप दिया गया था। घटना का पता चलने पर जब लोगों ने ढाबे का रुख किया तो पाया कि वहां पुलिस का पहरा है। पुलिस यहां किसी को भी अंदर जाने नहीं दे रही थी। कोशिश करने के बाद ढाबे के जो हिस्से नजर आते थे, वहां लोगों ने बीयर की बोतलें व गिलास रखे देखे। लोगों का कहना है कि यहां सुनसान इलाका होने का फायदा उठाकर आवारा किस्म के लड़के शराब पीने के लिए जुटते हैं। यह ढाबा तीन बजे से 11 बजे रात तक खुला रहता है।

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