हिमाचल चुनाव परिणाम से उत्तराखंड में टेंशन! पुरानी पेंशन स्कीम पर शुरू हुआ मंथन

देहरादून : वर्ष 2005 के बाद सरकारी नौकरी लगे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलनी चाहिए, इस मांग पर जल्द संग्राम शुरू हो सकता है. इसकी बड़ी वजह है हिमाचल प्रदेश चुनाव का रिजल्ट. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने पुरानी पेंशन बहाल करने का मुद्दा उठाया, और पहली कैबिनेट में फैसले पर मुहर लग सकती है.

हिमाचल प्रदेश को देखते हुए अब उत्तराखंड के 95 हजार सरकारी कर्मचारी भी आंदोलन के मूड में हैं. कर्मचारियों का कहना है कि 2022 विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी ने इसे मुद्दा नहीं बनाया, और अब इसी मुद्दे को कांग्रेस उठा रही है.पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष जीत मणि पैन्यूली को बीजेपी से 2024 लोकसभा चुनाव से पहले फैसले की उम्मीद है.

पुरानी पेंशन पर कोई भी फैसला राज्य सरकार को लेना है. फैसला क्या होगा, कहा नहीं जा सकता, मगर कांग्रेस उत्तराखंड में भी पुरानी पेंशन को मुद्दा बनाने का मूड बना चुकी है. इसके पीछे बड़ी वजह हिमाचल प्रदेश का इलेक्शन रिजल्ट है, जहां इस मुद्दे ने कांग्रेस की जीत में बड़ी भूमिका निभाई.

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हालांकि, भारतीय जनता पार्टी अभी इस मुद्दे पर जल्दबाजी में कोई बयान और भरोसा नहीं देना चाहती. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा का कहना है कि इस मुद्दे को जनआंदोलन बनाएंगे. इसमें समय लगता है, मैंने ही सबसे पहले विधायक रहते ये मुद्दा उठाया था.

जाहिर है उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2027 में है, पर कांग्रेस अभी से पुरानी पेंशन को मुद्दा बनाकर, कर्मचारियों को साधना चाहती है. दूसरी ओर बीजेपी को कर्मचारी 2024 लोकसभा चुनाव में ही आजमाना चाहते हैं; ताकि पुरानी पेंशन देने वाले राज्यों में, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल, छत्तीसगढ़ और झारखंड के साथ उत्तराखंड भी शामिल हो.

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