WhatsApp to Delhi HC- बिना फोन नंबर दिए न्यायिक अधिकारी के आपत्तिजनक वीडियो को नहीं हटा सकते

दिल्ली : निचली अदालत के एक जज से जुड़े आपत्तिजनक वायरल वीडियो को लेकर व्हाट्सएप की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट को बताया गया कि उसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म से तब तक नहीं हटाया जा सकता जब तक कि यूजर का मोबाइल नंबर नहीं दिया जाता. जिसके बाद हाईकोर्ट ने कोर्ट ने याचिकाकर्ता को व्हाट्सएप को नंम्बर मुहैया कराने को कहा ताकि इस मामले में एक्शन लिया जा सके.

दरअसल, निचली अदालत के एक जज से जुड़े आपत्तिजनक वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने की मांग को लेकर दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान व्हाट्सएप की तरफ से कोर्ट में पेश हुए सीनियर अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहते हैं कि हम कुछ करें, लेकिन हम उस स्थिति में नहीं है. जब तक यूजर का मोबाइल नंबर मुहैया नहीं करवाया जाता तब तक हम वीडियो के सर्कुलेशन पर रोक नहीं लगा सकते.

फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब से हटाया गया वीडियो
हालांकि इस दौरान फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि उन्होंने वीडियो को हटा दिया है. इसके बाद याचिकाकर्ता ने व्हाट्सएप से भी आपत्तिजनक वीडियो को हटाने की मांग की. जिस पर व्हाट्सएप की तरफ से कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि वह फोन नंबर दिए बिना एक न्यायिक अधिकारी के वायरल वीडियो पर रोक नहीं लगा सकते हैं.

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व्हाट्सएप को मोबाइल नंबर मुहैया कराने के निर्देश
जिस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अभी भी इंटरनेट पर कई URL है जहां पर वीडियो उपलब्ध है. जिसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को ऐसे URL की जानकारी देने को कहा ताकि वीडियो को वहां से हटाया जा सके. साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता को व्हाट्सएप को नंम्बर भी मुहैया कराने को कहा ताकि वह इस मामले में ऐक्शन ले सके. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा था कि वीडियो की कामुक प्रकृति को देखते हुए और इससे वादी की निजता को संभावित नुकसान को ध्यान में रखते हुए, एकपक्षीय सुनवाई के आधार पर रोक जरूरी है.

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