लव ट्रैंगल : दोस्त ने की दोस्त की हत्या, एक ही लड़की से दोनों करते थे बात

बस्ती: अयोध्या के रामनरेश निषाद की हत्या उसी के दोस्त ने आशनाई के चक्कर में की थी। आरोपी और रामनरेश एक ही लड़की के चक्कर में पड़ गए थे। लड़की दोनों से बात करती थी। उसी के लिए हुए विवाद में आरोपी शत्रुध्न ने अपने दोस्त रामनरेश निषाद को लोहे की रॉड से पीटकर मार डाला था।

बुधवार को पुलिस ने हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए मुख्य आरोपी शत्रुध्न और उसके भाई शिव कुमार निषाद निवासी रामघाट हाल्ट अयोध्या को गिरफ्तार कर लिया। शिव कुमार पर आरोप है कि उसने हत्यारोपी भाई को बचाने के लिए उसकी मदद की। पुलिस ने हत्या के समय प्रयुक्त बाइक, लोहे की रॉड, मोबाइल और खून लगे कपड़े बरामद कर लिए हैं।

एसपी आशीष श्रीवास्तव ने पुलिस कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि घटना के पर्दाफाश के लिए एसओजी प्रभारी रोहित उपाध्याय व प्रभारी निरीक्षक शैलेश कुमार सिंह की टीम को लगाया गया था। हालांकि रामनरेश के भाई सुरेश निषाद ने नामजद तहरीर देकर अरविंद निवासी मैनपुर थाना बीकापुर अयोध्या और गौरव निवासी राठ हवेली थाना कोतवाली अयोध्या पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन इन दोनों से पूछताछ, मोबाइल लोकेशन और राम नरेश निषाद के साथ घर से निकले शत्रुध्न निषाद के बारे में टीम ने गहराई से छानबीन की तो नई कहानी उभरकर सामने आ गई। इस आधार पर जब शत्रुध्न निषाद से पूछताछ की गई तो उसने गुनाह कबूल करते हुए पूरे घटनाक्रम के बारे में बता दिया।

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यह थी घटना

चार दिसंबर को हाइवे पर स्थित हर्रैया थाने के महुंघाट गांव के निकट सड़क के किनारे युवक का लहूलुहान शव पाया गया था। उसके जेब से मिले बटुए में आधार कार्ड व पैनकार्ड से उसकी पहचान रामनरेश निषाद (27) पुत्र जग्गी निषाद निवासी राम हाट बासुदेव घाट अयोध्या के रूप में हुई थी।

एक ही लड़की से दोनों की बातचीत पर हुआ विवाद : गिरफ्तार शत्रुध्न निषाद ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि तीन दिसंबर की शाम को पड़ोस के रामू निषाद से उसने बुआ के घर जाने के लिए बाइक मांगी थी, मगर बुआ के घर न जाकर वह रामनरेश को बाइक पर बैठाकर संतकबीरनगर के खलीलाबाद चला गया।

कहा कि एक लड़की से मिलने चलना है। वहां से तामेश्वरनाथ मंदिर पर पहुंचे और शत्रुध्न ने रामनरेश को वहीं रोककर पास के एक विद्यालय में चला गया। आधे घंटे बाद शत्रुध्न लौटकर आया तो उसने रामनरेश से लड़की का नाम बताया। नाम सुनते ही रामनरेश चौंक गया और कहने लगा कि उस लड़की से तो उसकी भी बातचीत होती है। इसे लेकर दोनों में विवाद हो गया और रामनरेश ने शत्रुध्न को चार-पांच थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद फिर दोनों बाइक से वापस अयोध्या जाने लगे। थप्पड़ मारने से झुंझलाए शत्रुध्न ने हर्रैया थाने के महुंघाट के पास बाइक में बंधा लोहे का रॉड निकालकर रामनरेश पर वार करके उसे मार डाला।

भाई ने की आरोपी की मदद

घर पहुंचने पर कपड़ों पर खून के छींटे देखकर शत्रुध्न के भाई शिवकुमार को शक हुआ। शत्रुध्न ने उसे हत्या की बात बता दी। पुलिस का कहना है कि शिवकुमार ने शत्रुध्न को बचाने के लिए उसके कपड़े जलवा दिए और अपने परिचित के यहां बाइक छिपा दी। पुलिस ने अपराधी को संरक्षण देने व साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास करने के आरोप में सह अभियुक्त के तौर पर उसे गिरफ्तार कर लिया।

परिवारवालों ने जिन पर शक जताया वे निर्दोष निकले: रामनरेश के भाई ने जिन दो लोगों पर हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज कराया था, उन पर शक करने की वजह अलग थी। असल में करीब छह महीने पहले रामनरेश एक लड़की लेकर भाग गया था। अयोध्या पुलिस ने कुछ ही दिन बाद लड़की को बरामद करके रामनरेश को गिरफ्तार कर लिया था। म

गर न्यायालय में लड़की ने रामनरेश के पक्ष में बयान दे दिया था, इसलिए वह जेल से छूट गया था। रामनरेश के परिवार वालों को शक था कि उसी लड़की के जीजा अरविंद निवासी मैनपुर थाना बीकापुर अयोध्या और गौरव निवासी राठ हवेली थाना कोतवाली अयोध्या ने मिलकर उसकी हत्या की है, परंतु दोनों निर्दोष निकले।

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