आधार से ई-केवाईसी कराना अब और भी आसान, जानें यूआईडीएआई ने क्‍या सुविधा दी?

दिल्ली : आधार का उपयोग दिनोंदिन बढ़ रहा है. बैंकों और सरकारी योजनाओं आदि में आधार अनिवार्य करने के बाद भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने पिछले छह महीनों में ग्राहकों के ऑन-बोर्डिंग के लिए अपने ई-वेरिफिकेशन प्लेटफॉर्म को लगभग 300 फिनटेक और एनबीएफसी तक बढ़ा दिया है. इससे कंपनियों की लागत में भारी कमी आई है. इसने ग्राहक अधिग्रहण लागत को 500-700 रुपये प्रति व्यक्ति से घटाकर 3 रुपये कर दिया है.

केंद्र सरकार G20 अध्यक्षता के दौरान आधार और इंडिया स्टैक का शोकेस करेगी और यह बताएगी कि दूसरे देश अपने निवासियों और अपनी डिजिटल इकोनॉमी के लिए इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं. इंडिया स्टैक में आधार, यूपीआई, ई-साइन, डिजिलॉकर और उमंग (सरकारी सेवाओं के लिए ऐप) सहित टेक्नोलॉजी उत्पाद शामिल हैं.

प्रोसेस आसान बनाने के साथ खर्च कम करने में उपयोगी
आधार से जुड़े डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्लेटफॉर्म के जरिए यूज़र्स को सब्सिडी और रियायतें देने का परिणाम है कि वित्तीय वर्ष 2015 और 2021 के बीच सरकारी खजाने में 2.23 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है. 100 प्रतिशत कवरेज के साथ आधार लोगों के लिए योजनाओं में शामिल होने के प्रोसेस को आसान बना रहा है और आगे भी यह जारी रहेगा.

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एक आधार से 1100 योजनाओं का लाभ
आधार प्लेटफॉर्म का उपयोग करके वर्तमान में आम लोगों को करीब 1100 योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए किया जा रहा है. इसमें केंद्र सरकार की 315 योजनाएं शामिल हैं, जो नकद या अन्य प्रकार से सब्सिडी हस्तांतरित करती हैं. इससे सेवा वितरण में तेजी आई है और लाभार्थियों की बेहतर पहचान सुनिश्चित हुई है. इसके उपयोग से योजनाओं में पारदर्शिता आई है.

बाकी देश भी दिखा रहे आधार इकोसिस्टम में रुचि
भारत के लिए बुधवार को एक साल के लिए जी20 की अध्यक्षता संभालने के साथ ही देश की डिजिटल विकास की कहानी दुनिया को अपनाने के लिए एक प्रमुख शोपीस होगी. एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के कई देशों ने आधार इकोसिस्टम में रुचि दिखाई है, जो ओपन-सोर्स आर्किटेक्चर और तकनीकों का उपयोग करता है. यह सुनिश्चित करता है कि लागत उचित है और उसका स्वामित्व लागू करने वाले देशों के पास है.

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