Dehradun: दून अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदार अब रात गुजारने के लिए नहीं भटकेंगे इधर-उधर, जानें क्‍यों?

देहरादून : ज्यादातर अस्पतालों में मरीज के तीमारदारों के ठहरने के लिए कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती है. ऐसे में उन्हें अस्पताल के बरामदे या फिर परिसर में खुले में रात गुजारनी पड़ती है. सर्दी के मौसम में खुले में रात गुजारना और दुश्वार हो जाता है. इसी के चलते उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सबसे बड़े दून अस्पताल में अब तीमारदारों के ठहरने के लिए रैन बसेरा बनाया जाएगा, ताकि कड़ाके की सर्दी में उन्हें सोने के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े.

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन की तरफ से अस्पताल में जगह चिह्नित करने के बाद रैन बसेरा बनाने की तैयारियां की जा रही हैं. दून अस्पताल में अपनी मौसी को लेकर आई तीमारदार दिव्या रावत का कहना है कि तीमारदार को तो मरीज के साथ उसकी देखभाल के लिए रहना पड़ता है. ऐसे में तीमारदारों का भी स्वस्थ रहना जरूरी है और सर्दी में ठंड से बचना जरूरी है. अगर रैन बसेरा बन जाएगा तो दूरदराज से आने वाले लोगों के लिए खासकर गरीबों को काफी राहत मिलेगी.
वहीं, दयाल महर ने बताया कि उनकी पत्नी अस्पताल में एडमिट हैं. उन्हें रात को बाहर बरामदे में ही ठहरना पड़ता है. बहुत परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल प्रशासन तीमारदारों की ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है तो यह बहुत अच्छा होगा.

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तीमारदारों की परेशानी जल्‍द करेंगे दूर: डॉ आशुतोष राणा
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य डॉ आशुतोष राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि तीमारदारों की परेशानियों को दूर करने के लिए रैन बसेरे की तैयारी की जा रही है. अस्पताल में पुरानी महिला विंग और इमरजेंसी के पास खाली पड़े स्थान के साथ-साथ जगह चिह्नित कर रैन बसेरा बनाया जाएगा. इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं. जल्द यह बनकर तैयार हो जाएगा, जिससे सर्दी के मौसम में तीमारदारों को रात गुजारने के लिए भटकना न पड़े.

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