मुंबई में पार्किंग व्यवस्था से नाराज बॉम्बे HC, सरकार और बीएमसी को दिए सख्त आदेश
मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि महानगर में कारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पार्किंग की जगह निर्धारित करनी होगी. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार तथा बृह्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) से पूछा कि वह इस मुद्दे पर क्या कदम उठाने का प्रस्ताव रखती है. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की खंडपीठ उन दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें व्यापक पार्किंग नीति बनाने और अव्यवस्थित यातायात पर लगाम लगाने के लिए इसका कार्यान्वयन करने का अनुरोध किया गया था.
याचिका में कहा गया कि अव्यवस्थित यातायात के चलते दमकल वाहनों को प्रभावित स्थल तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. अदालत ने सोमवार को सरकारी वकील पूर्णिमा कंतारिया से जानना चाहा कि क्या पार्किंग व्यवस्था से जुड़ी कोई नीति है? जब कंतारिया ने ‘हां’ में जवाब दिया, तो पीठ ने कहा कि अधिकारियों को शहर में संकरी सड़कों की पहचान करने और यह देखने की जरूरत है कि वहां पार्किंग के लिए जगह कैसे उपलब्ध कराई जा सकती है.
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अदालत ने कहा कि सरकार और बीएमसी को एक योजना बनानी होगी. पीठ ने राज्य सरकार और बीएमसी को शहर में पार्किंग स्थल निर्धारित करने के लिए उठाए गए कदमों के साथ-साथ प्रस्तावित उपायों पर चार सप्ताह के भीतर एक व्यापक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि वह जनवरी 2023 में याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.