महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में फोटोग्राफी पर रोक से शुरू हुई पॉलिटिक्स, कांग्रेस ने इसे बताता सरकार का षड्यंत्र

भोपाल: मध्य प्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर में फोटोग्राफी के लिए जारी हुए आदेश पर अब पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। प्रशासन ने मंदिर के गर्भगृह में फोटो और वीडियोग्राफी पर रोक लगा दी है। प्रशासन के इस आदेश के बाद सियासत तेज हो गई है। 

दरअसल इस मामले को लेकर कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि पूरी भाजपा के एक बड़े प्लान का हिस्सा है। और जानबूझकर इस तरह का आदेश जारी किया है। राहुल गांधी एक तपस्वी के रूप में यात्रा करते हुए आ रहे हैं। लेकिन शिवराज सरकार  नहीं चाहती कि राहुल गांधी को आशीर्वाद लेते हुए पूरे देश और दुनिया देखें।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के तपस्वी रूप को देखकर पूरी भाजपा में डर का माहौल है। लेकिन ये कुछ भी कर ले बाबा महाकाल का आशीर्वाद राहुल गांधी को मिलकर रहेगा। खुद इनके नेता हवाई जहाज से आते हैं पर यहां तो राहुल गांधी तो पैदल आ रहे हैं। सरकार खुद को बचाने के लिए कह रही है कि ऐसा आदेश स्थानीय प्रशासन ने जारी किया है। लेकिन स्थानीय प्रशासन को कोई हक नहीं होता, हम भी सरकार में रहे हैं।

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वहीं महाकाल मंदिर में फोटोग्राफी पर रोक लगाने पर कांग्रेस की आपत्ति पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को यह बात समझना चाहिए कि राहुल गांधी बाबा महाकाल से बड़े नहीं हैं।महाकाल मंदिर के नियम राहुल गांधी की यात्रा से जोड़ना शर्मनाक है।

उन्होंने आगा कि वे अगर राजनीतिक लाभ के लिए महाकाल की शरण में जा रहा हैं तो यह अनुचित है। श्री महाकाल लोक में फोटोग्राफी होने से दर्शन में दिक्कत होगी इसलिए मंदिर प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। नेहरू परिवार चुनाव के दौरान ही खुद को हिंदू प्रदर्शित करता है। इसलिए राहुल गांधी महाकाल मंदिर में नेता नहीं बालक एक सच्चे भक्त बनकर जाएं।

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