2014 के पहले और बाद के भारत में बहुत बड़ा फर्क: बाली में भारतीय समुदाय से बोले पीएम मोदी 4901813

बाली : इंडोनेशिया के बाली में मंगलवार को भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध अच्छे और कठिन दोनों समय में मजबूत रहे हैं. पीएम मोदी ने 2018 में इंडोनेशिया में आए भीषण भूकंप का भी जिक्र किया और कहा कि हमने तुरंत ऑपरेशन समुद्र मैत्री शुरू किया था.

उन्होंने कहा, “इंडोनेशिया, बाली आने के बाद हर हिंदुस्तानी को एक अलग ही अनुभूति होती है, एक अलग ही एहसास होता है. मैं भी वही वाइब्रेशन महसूस कर रहा हूं. बाली से डेढ़ हजार किलोमीटर दूर, भारत के कटक शहर में महानदी के किनारे ‘बाली जात्रा’ का महोत्सव मनाया जा रहा है. ये महोत्सव, भारत और इंडोनेशिया के बीच हजारों वर्षों के व्यापारिक संबंधों का जश्न है.”

पीएम मोदी ने बाली में कहा, ‘भारत की प्रतिभा, भारत की टेक्नोलॉजी, भारत का इनोवेशन और भारत के उद्योग ने आज दुनिया में अपनी पहचान बनाई है. 2014 के पहले और 2014 के बाद के भारत में बहुत बड़ा फर्क स्पीड और स्केल का है. आज भारत अभूतपूर्व गति से काम कर रहा है, अप्रत्याशित स्केल पर काम कर रहा है.’

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पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय से कहा, ‘हम लोग अक्सर बातचीत में कहते हैं- दुनिया बहुत छोटी है. भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को देखें, तो ये बात बिल्कुल सटीक बैठती है. समंदर की विशाल लहरों ने भारत और इंडोनेशिया के संबंधों को लहरों की ही तरह, उमंग से भरा और जीवंत रखा है. अपनत्व के विषय में भारत की तारीफ तो होती ही है, लेकिन इंडोनेशिया के लोगों में भी अपनत्व कम नहीं है. पिछली बार जब मैं जकार्ता आया था तब इंडोनेशिया के लोगों ने जो स्नेह और प्यार दिया, वह मैंने महसूस किया था.’

जी20 शिखर सम्मेलन के लिए बाली पहुंचे पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय से कहा, ’21वीं सदी में आज विश्व की भारत से अपेक्षाएं हैं, जो आशाएं हैं, भारत उन्हें भी अपनी ज़िम्मेदारी के रूप में देखता है. आज अपने विकास के लिए भारत जब अमृतकाल का रोडमैप तैयार करता है, तो उसमें दुनिया की आर्थिक राजनीतिक आकांक्षाओं का भी समावेश है.’

उन्होंने कहा, ‘आज जब भारत आत्मनिर्भर भारत का विज़न सामने रखता है, तो उसमें Global Good की भावना भी समाहित हैं. आज जब पूरा विश्व पर्यावरण अनुकूल और समग्र स्वास्थ्य देखभाल की ओर आ​कर्षित हो रहा है, तो भारत का योग और आयुर्वेद पूरी मानवता के लिए तोहफा है. कोरोनाकाल में हमने देखा है, भारत ने दवाइयों से लेकर वैक्सीन तक जरूरी संसाधनों के लिए आत्मनिर्भरता हासिल की और उसका लाभ पूरी दुनिया को मिला. भारत की सामर्थ्य ने कितने ही देशों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम किया.’

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