उपचुनाव: BJP ने मैनपुरी में शिवपाल के करीबी तो रामपुर में आजम खान के विरोधी को दिया टिकट

यूपी में मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने मैनपुरी से पूर्व सांसद रघुराज शाक्य को टिकट दिया है. रघुराज शाक्य को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नेता शिवपाल यादव का करीबी समझा जाता है. मैनपुरी में शाक्य वोटों की संख्या भी काफी ज्यादा है. यहां से समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उम्मीदवार बनाया है. इसी तरह रामपुर विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी ने आजम खान के धुर विरोधी आकाश सक्सेना को टिकट दिया है. बीजेपी ने खतौली विधानसभा उपचुनाव में राजकुमारी सैनी को उतारा है.

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हो गई है. इसी तरह हेट स्पीच मामले में आजम खान को 3 साल की सजा और मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में विक्रम सैनी को मिली 2 साल सजा के बाद क्रमशः ये दोनों सीटें भी खाली हो गई हैं.

चुनाव आयोग ने इन सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव का ऐलान किया है. इससे पहले समाजवादी पार्टी की तरफ से डिंपल यादव ने 14 नवंबर को मैनपुरी उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उनके समर्थन में अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, तेज प्रताप यादव और धर्मेंद्र यादव समेत पूरा यादव परिवार मौजूद रहा. सिर्फ शिवपाल यादव और उनके बेटे मौजूद नहीं रहे.

वहीं, शिवपाल यादव ने अभी स्पष्ट नहीं किया है कि वह मैनपुरी सीट पर अपनी बहू डिंपल यादव का समर्थन करेंगे या नहीं. इधर, बीजेपी ने मैनपुरी सीट से शिवपाल यादव के करीबी रघुराज शाक्य को टिकट देकर एक नया ही दांव चल दिया है. अब यह देखना रोचक होगा कि शिवपाल का अगला कदम क्या होता है.

कौन हैं रघुराज शाक्य?

आपको बता दें कि रघुराज शाक्य 1999 और 2004 में सपा के टिकट पर इटावा से सांसद रह चुके हैं. 2012 में वह इटावा सदर सीट से सपा विधायक भी रह चुके हैं. 2017 में रघुराज शाक्य ने सपा से इस्तीफा देकर शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को जॉइन किया था. वह प्रसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष थे. हालांकि फिर रघुराज शाक्य बीजेपी में शामिल हो गए. यही वजह है कि उन्हें शिवपाल यादव का करीबी समझा जाता है.

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कौन हैं आकाश सक्सेना?

आकाश सक्सेना उर्फ हनी को बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भी रामपुर शहर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था. हालांकि तब आजम खान ने इन्हें शिकस्त दे दी थी. अब आजम खान को सजा मिलने के बाद हो रहे उपचुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर आकाश सक्सेना पर ही भरोसा जताया है. आकाश सक्सेना ने ही आजम खान के खिलाफ 80 से ज्यादा मामले दर्ज कराए हैं. पेशे से वकील आकाश सक्सेना ने कोर्ट में इन मुकदमे की पैरवी भी खुद की है. आकाश सक्सेना के पिता शिव बहादुर सक्सेना रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट से चार बार विधायक रह चुके हैं. वह कल्याण सिंह की सरकार में मंत्री भी थे. उनका कल्याण सिंह, अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे बीजेपी नेताओं से अच्छे रिश्ते थे.

कौन हैं राजकुमारी सैनी?

आपको बता दें कि राजकुमारी सैनी निवर्तमान भाजपा के खतौली विधायक विक्रम सैनी की पत्नी हैं. राजकुमारी सैनी एक घरेलू महिला हैं. गौरतलब है कि विक्रम सैनी को कवाल कांड मामले में कोर्ट से 2 साल की सजा होने के बाद विधानसभा सदस्य समाप्त हो गई थी. बीजेपी ने अब उनकी पत्नी राजकुमारी सैनी को खतौली उपचुनाव में टिकट दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, राजकुमारी सैनी कक्षा आठ तक पड़ी हुई हैं और कवाल गांव में सयुक्त परिवार के साथ रहती हैं.

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