वर्षों का इंतजार खत्म! अब उत्तराखंड में कश्मीर जैसा अहसास, कोलिढेक झील बनकर तैयार

चम्पावत : लोहाघाट में दशकों से लोग कोलिढेक झील की मांग कर रहे थे. अब यह झील बनकर तैयार हो चुकी है. अब स्थानीय लोगों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों झील का शुभारंभ होने का इंतजार है ताकि पर्यटक झील का दीदार कर सके. बता दें कि झील का निर्माण कार्य 11 नवंबर 2018 को शुरू हुआ था. झील को नवंबर 2020 तक पूरा होना था, लेकिन कोरोना महामारी और पिछले साल अक्तूबर की अतिवृष्टि से काम तय समय से आगे बढ़ गया. अब जाकर यह काम पूरा हो पाया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की चाहत चम्पावत जिले को पर्यटन का हब बनाने की है. इसके लिए लोहाघाट कोलिढेक नदी में 30 करोड़ की लागत आई है. बेहद खूबसूरत देवदार वनी के नजारे को अपने में समेट यह कोली झील पर्यटकों को कश्मीर जैसा एहसास करा रही है. वहीं, पर्यटकों के आने से स्थानीय लोग इसे रोजगार के अवसर के तौर में भी देख रहे हैं.

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लगभग दो किलोमीटर यह झील लंबी और 21 मीटर गहरी तो 80 मीटर चौड़ी है. यह कोलीढेक झील लोहाघाट नगर पालिका सहित आसपास के गावों की एक बड़ी आबादी को हो रही पानी की किल्ल्त की समस्या को दूर करेगी. वहीं प्रशासन नें सरकार से आयुष ग्राम प्रोजेक्टस के तहत पर्यटकों के रुकने के झील किनारे कॉटेज बनाने के साथ-साथ झील में बोट्स उतराने की कवायद शुरू कर दी है, ताकि पर्यटक प्रकृति का नजदीक से दीदार कर सके.

अपने आप में प्रकृति के हर रंग को समेटे हुए. यह कोलीढेक झील ना सिर्फ पर्यटन का नया हब बनेगा बल्कि झील के दीदार को आने वाले पर्यटक के चलते स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के रास्ते भी खोलेगी .

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