नहाय खाय के साथ छठ पूजा आज से शुरू

केलवा जे फरेले घवद से उहे पर सुगा मंडराय, मारबउ रे सुगवा धनुष से, कांच ही बांस के बन बहंगिया बहंगी लचकत जाय.. जैसे लोक आस्था के गीतों के साथ डाला छठ आज से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि पर नहाय-खाय होता है। छठ पर्व पर संतान की सुख-समृद्धि व दीर्घायु की कामना के लिए सूर्यदेव और षष्ठी माता की स्तुति की जाएगी। लोग स्नान कर नए वस्त्रत्त् धारण कर पूजा के बाद चना, दाल, कद्दू की सब्जी का सेवन करेंगे।  

उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जाता है। छठ चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। महिलाएं तीन दिन तक उपवास, सूर्य भगवान की पूजा करती हैं। पर्व का तीसरा दिन मुख्य छठ पूजा का होता है।

आज से शुरु हुए छठ महापर्व के तहत कल शनिवार को खरना होगा। महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखेंगी। शाम को खरना पूजन करेंगी। चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद ग्रहण करेंगी। ठेकुआ का प्रसाद कुल देवता और छठ मइया को अर्पित किया जाएगा। घरों में छठ मईया का अखंड दीप जलाकर मनौती की जाएगी। मान्यता है कि खरना के बाद से ही षष्ठी मइया का घर में आगमन होता है।

30 अक्तूबर को संगम व गंगा-यमुना के विभिन्न घाटों पर व्रती लोग डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस क्रम में 31 अक्तूबर को उदित होते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का पारण होगा। पर्व को लेकर घरों में उत्साह है। पूजन सामग्री की साफ-सफाई और प्रसाद बनाने की तैयारी पूरी हो गयी है।

व्रत, पूजन का दिन और समय
प्रमुख तिथियां एवं मुहूर्त

– सूर्य षष्टी व्रत आरंभ 28 अक्तूबर शुक्रवार नहाय खाय।
– सूर्य षष्टी व्रत द्वितीय दिन (खरना) 29 अक्तूबर शनिवार।
– मुख्य व्रत 30 अक्तूबर दिन रविवार को। सूर्यास्त का समय 0534 बजे। इस दिन अस्तांचलगामी सूर्य देव को सायंकालीन अर्घ्य का समय शाम 529 से 539 बजे तक।
– 31 अक्तूबर को सूर्योदय 629 बजे। अत प्रात कालीन अर्घ्य सुबह 0627 से 0634 बजे एवं पारण प्रसाद ग्रहण करके।

29 अक्तूबर को खरना, सूर्य देव को लगेगा भोग
पं. पूर्वांचली ने बताया कि छठ महापर्व की शुरूआत 28 अक्टूबर को नहाय खाय से हो रही है। इस दिन महिलाएं स्नान करके नई साड़ियां पहनकर भगवान सूर्य की पूजा करती हैं। इसी दिन भकद्दू की सब्जी खायी जाती है। दूसरे दिन यानी 29 अक्तूबर को खरना है। इस दिन सूर्यास्त के बाद गुड़, दूध वाली खीर और रोटी बनाई जाती है। खरना के दिन महिलाएं सूर्य देव को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करती हैं। फिर महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker